यह ख़बर 08 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली चुनाव : कांग्रेस बाहर, भाजपा सत्ता के करीब, आप की शानदार शुरुआत

'आप' के शानदार प्रदर्शन से जोश में कार्यकर्ता

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव के अंतिम नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 32 सीटें जीतकर जहां सबसे बड़े दल के रूप में वापसी की है, वहीं पहली बार चुनावी राजनीति में उतरी महज एक वर्ष पुरानी आम आदमी पार्टी (आप) ने 28 सीटें जीतकर देश में वैकल्पिक राजनीति की बहस को नए आयाम पर पहुंचा दिया है।

तीन बार से दिल्ली की सत्ता पर काबिज कांग्रेस को रविवार को भारी पराजय का सामना करना पड़ा। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को मात्र आठ सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 35 सीटों का नुकसान हुआ है।

शिरोमणि अकाली दल को मिले एक सीट के सहयोग से भाजपा के राज्य में कुल 32 सीटें हो जाती हैं, लेकिन बहुमत साबित करने से वह अभी भी चार सीट पीछे है। इस तरह दिल्ली में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन गई है। पंद्रह साल बाद भाजपा अब जोड़तोड़ कर सरकार बनाने के लिए विवश है और उसे 'आप' के रूप में मजबूत विपक्ष का सामना करना होगा।

सबसे चौंकाने वाली हार दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की रही। 'आप' के अरविंद केजरीवाल ने उन्हें 25,864 मतों के अंतर से हराया।

भाजपा के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी हर्षवर्धन कृष्णा नगर विधानसभा सीट से 43150 मतों के अंतर से जीते, जबकि किराड़ी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अनिल झा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी 'आप' के राजन प्रकाश को सर्वाधिक 48526 मतों के अंतर से हराया।

चुनाव परिणाम के शुरुआती रुझान में कांग्रेस को मिल रही हार को देखते हुए शीला ने दोपहर में उपराज्यपाल नजीब जंग को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

शीला ने अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, "मैं हार की जिम्मेदारी स्वयं लेते हुए इस जनादेश का सम्मान करती हूं। जिन्होंने समर्थन दिया, उन्हें धन्यवाद कहूंगी। हार की वजह का हम विश्लेषण करेंगे।"

वहीं, 'आप' के लिए यह असाधारण सफलता है, जिसका गठन पिछले साल ही हुआ है। अन्ना हजारे के जनआंदोलन से देशभर में चर्चित चेहरा बने अरविंद केजरीवाल की इस पार्टी ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को चकित कर दिया है।

इस नतीजे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी चकित कर दिया।

सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली में सरकार ने काफी अच्छा काम किया। लेकिन परिणाम कुछ अलग रहे। हम इसकी समीक्षा करेंगे और सुधार लाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

केजरीवाल को 44,269, शीला दीक्षित को 18,405 और भाजपा के विजेंद्र गुप्ता को 17,952 वोट मिले।

भाजपा ने रविवार को 'आप' के शानदार प्रदर्शन को स्वीकार करते हुए इसे आश्चर्य की संज्ञा दी और सरकार बनाने का दावा भी किया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने मीडिया से कहा, "हमने 'आप' को हमेशा प्रतिस्पद्र्धी माना था और हमें उम्मीद थी कि 'आप' को 10 के लगभग सीट मिलें सकती हैं, लेकिन नतीजा आश्चर्यजनक है।" उन्होंने कहा, "हमने दिल्ली में विपक्ष के रूप में पिछले 15 सालों में कठिन मेहनत की है।"

दिल्ली में 1998 से सत्ता पर काबिज कांग्रेस इस परिणाम से हतप्रभ है। लेकिन इसके समर्थक अभी भी उम्मीद जता रहे हैं।

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, "'आप' ने हमारा वोटा काटा और क्षति पहुंचाई। हमारे कई वोट 'आप' को चले गए, इसलिए हम दिल्ली में हारे हैं। लेकिन यह परिणाम लोकसभा चुनाव के रुख नहीं दिखा सकते।"

इधर, शीला के 3, मोती लाल नेहरू स्थित आवास पर सन्नाटा पसरा है, जबकि भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्षवर्धन के घर जश्न का माहौल है। उनके समर्थकों ने कृष्णा नगर स्थित उनके आवास के बाहर पटाखे जलाए और मिठाइयां बांट कर जश्न मनाया।

उधर, अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी प्रचार से निकले 'आप' के कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी के कनॉट प्लेस स्थित कार्यालय के बाहर जश्न मनाया।

आप की नेता शाजिया इल्मी ने मीडिया से कहा, "हमने हमेशा वास्तविक मुद्दे पर बात की है। अब लोग इसका जवाब दे रहे हैं।" शाजिया आरके पुरम विधानसभा सीट से सबसे कम अंतर से हारीं। उन्हें भाजपा के अनिल कुमार शर्मा ने 326 मतों के अंदर से हराया।

अन्ना हजारे ने कहा, "शीला को हराना आसान चीज नहीं था। लेकिन लोगों ने अपनी नाराजगी दिखाई। मुझे विश्वास है कि केजरीवाल विपक्ष में अच्छा काम करेंगे और सरकार को सही दिशा दिखाएंगे।"

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जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस चुनाव परिणाम पर करीबी नजर बनाए रखा था और उन्होंने आप की तारीफ की। उन्होंने कहा, "कभी भी नए विचार वाले नवोदित नेताओं को कम नहीं आंकना चाहिए।"