यह ख़बर 10 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस में 'ठीकरा' फोड़ने का क्रम शुरू

नई दिल्ली:

हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन और समीक्षा का दौर जारी है। चार राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस की समीक्षा बैठक हुई।

इस बैठक में खासतौर से मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के प्रभारियों से हार पर सफाई मांगी गई। संकेत इस बात के भी हैं कि इन तीनों राज्यों के विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्षों की छुट्टी हो सकती है। इस बैठक में चुनावी राज्यों के प्रभारी महासचिवों ने हार की अपनी अपनी वजहें गिनाईं।

सोनिया गांधी के 10 जनपथ पर हुई इस बैठक में पांचों चुनावी राज्यों के प्रभारी−महासचिवों के साथ साथ अहमद पटेल और अंबिका सोनी जैसे सोनिया के ख़ास सिपहसालारों ने हिस्सा लिया। मिज़ोरम छोड़ हारने वाले चारों राज्यों के प्रभारियों ने पार्टी की हार पर अपनी रिपोर्ट दी।

दिल्ली के प्रभारी शकील अहमद, मध्य प्रदेश के प्रभारी मोहन प्रकाश और राजस्थान के प्रभारी गुरुदास कामथ को लेकर आलाकमान के तेवर सख़्त हैं। इन तीनों से पार्टी की बुरी हार पर सफ़ाई मांगी गई है। सफाई से संतुष्ट नहीं होने पर इनकी प्रभारी पद से छुट्टी भी हो सकती है।

प्रभारी अब बता रहे हैं कि पार्टी चुनावों में महंगाई और अंदरूनी गुटबाज़ी की वजह से हारी। मध्य प्रदेश में पार्टी का वोट शेयर बढ़ने के बाद भी उम्मीदवारों की हार हुई। इसके लिए एवीएम में छेड़छाड़ का शक भी जताया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमान देने में देरी को भी वजह माना जा रहा है।

दिल्ली में पानी और बिजली की क़ीमत पर ध्यान नहीं देना पार्टी को भारी नुकसान पहुंचा गया।

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बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद थे। मिली जानकारी के मुताबिक़ सोनिया के तेवर सख़्त थे और उन्होंने 2014 आम चुनावों के लिए अभी से एकजुट हो जाने की नसीहत दी।