यह ख़बर 17 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

गुजरात मॉडल से देश का विकास संभव नहीं : मनमोहन

जबलपुर:

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रचार करने जबलपुर पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी और खासकर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर नाम लिए बगैर जोरदार हमले बोले। उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल से देश का विकास नहीं हो सकता।

प्रधानमंत्री सिंह ने रविवार को राइट टाउन स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं को सलाह दी कि वे जब भी बोलें सोच समझकर और तौल कर बोलें। गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर उनके बयान का हवाला देते हुए कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों को भी तोड़मरोड़ कर पेश किए जा रहे हैं। उनका सारा जोर कांग्रेस के नेताओं पर कीचड़ उछाने पर होता है। अपमान व असत्य की राजनीति का सहारा लिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के विकास मॉडल पर सवालिया निशान लग रहे हैं, गरीब व कमजोर वर्ग विकास से अछूता है। यह देश विशाल है और हर राज्य की आवश्यकता अलग-अलग है। इसलिए एक मॉडल से देश का विकास संभव नहीं है।

मोदी पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने (मोदी) मध्य प्रदेश या छत्तीसगढ़ के लोगों से नहीं पूछा होगा कि विकास के लिए उनकी क्या प्राथमिकताएं हैं। बिहार में पिछले 17 वर्ष से साथ देने वाली पार्टी ने उनका साथ छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता सिर्फ एक परिवार पर आरोप लगाते हैं और वे यह आकलन नहीं करते हैं कि उस परिवार ने राष्ट्र निर्माण के लिए क्या-क्या कुर्बानियां दी है। जो लोग नकारात्मक राजनीति करते हैं वे देष का निर्माण क्या करेंगे।

प्रधानमंत्री ने अपरोक्ष रूप से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस संस्था से यह पार्टी प्रेरणा प्राप्त करती है, उसे सांप्रदायिक करार देते हुए सरदार वल्लभ भाई पटेल ने प्रतिबंध लगाया था। भाजपा ने 1991 में आर्थिक सुधार का विरोध किया। कम्प्यूटरीकरण का भी उन्होंने विरोध किया। मुझे ध्यान नहीं आता है कि इस पार्टी के किसी नेता का राष्ट्र निर्माण में योगदान रहा हो।

मध्य प्रदेश की सरकार को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा पढ़े जा रहे कशीदों पर भी प्रधानमंत्री ने सवाल उठाया और कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का इस राज्य में सही लाभ नहीं उठाया गया है।

साक्षरता के मामले में मप्र 20 राज्यों से पीछे है, पढाई लिखाई का हाल ठीक नहीं है, आम आदमी की आमदनी के मामले में राज्य 20 राज्यों से पीछे है, सड़कों की हालत खराब है। ताज्जुब है फिर भी भाजपा नेता मप्र की तारीफ  किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते नौ वर्षो में संप्रग सरकार के काल में हर क्षेत्र में विकास हुआ है और यह रिकार्ड आम जनता के सामने है। चुनाव में वोट डालने से पहले मतदाता को सरकारों के रिकार्ड का अध्ययन करना चाहिए। कांग्रेस का मानना रहा है कि देश की आर्थिक प्रगति ऐसी होनी चाहिए जिससे आम आदमी का जीवन खुशहाल बने।

विरोधी दलों द्वारा देश में विकास न होने के आरोपों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास न होने का आरोप लगाने वालों को हमारे नौ वर्ष के रिकार्ड को ठीक तरह से देखना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने दावा किया कि बीते नौ वर्ष में कई अन्य देषों के मुकाबले भारत में कहीं अधिक तेजी से आर्थिक प्रगति हुई है। गरीबों की संख्या में तीन गुना कमी आई है। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई है। इससे तीन करोड़ चालीस लाख ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। देश से पोलिया जैसी बीमारी खत्म हो गई है।

केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा के स्तर में इजाफा हुआ है, देश के लगभग 11 करोड़ बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है। उच्च शिक्षा के लिए नए संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा गांव में रहता है और केंद्र सरकार ने इस आबादी के लिए महती योजनाएं शुरू की है। किसानों को पैदावार का सही मूल्य दिलाने के लिए अनाज के समर्थन मूल्य को दोगुना से ज्यादा कर दिया गया है। किसानों की मेहनत से अनाज भंडार भरे पड़े हैं।

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प्रधानमंत्री ने ग्रामीण इलाके के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना का जिक्र किया। इस सभा में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ व पार्टी के राज्य प्रभारी मोहन प्रकाश भी मौजूद थे।