खास बातें
- गोवा में कांग्रेस को किनारे करते हुए बहुमत में आए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) गठबंधन ने सर्वसम्मति से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को विधायक दल का नेता चुना लिया है।
पणजी: गोवा में कांग्रेस को किनारे करते हुए बहुमत में आए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) गठबंधन ने सर्वसम्मति से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को विधायक दल का नेता चुना लिया है। वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर नौ मार्च को शपथ लेंगे।
भाजपा-नीत गठबंधन ने इससे पहले, बुधवार को राज्यपाल से भेंट कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। शपथ ग्रहण समारोह स्थानीय कैम्पन मैदान में होगा।
राजभवन के बाहर पत्रकारों से चर्चा में पर्रिकर ने कहा, "मैंने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। भाजपा व गठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों ने मुझे अपना नेता चुना है। इनमें भाजपा के 21, एमजीपी के तीन और दो निर्दलीय विधायक हैं।"
उन्होंने कहा, "हमने शपथ ग्रहण के लिए राज्यपाल से नौ मार्च को पांच बजे का समय तय करने का आग्रह किया है। शपथ ग्रहण समारोह कैम्पल मैदान में होगा।"
राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा-एमजीपी गठबंधन को 24 सीटें मिली हैं। वहीं, उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल हुआ है। चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के खाते में केवल नौ सीटें गईं, जबकि राकांपा अपना खाता खोलने में भी नाकाम रही।
पिछली विधानसभा में राकांपा के तीन विधायक थे। सात सीटों पर अन्य उम्मीदवार विजयी रहे। कांग्रेस के कई दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा। इनमें दो पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के छह मंत्री भी शामिल हैं, जबकि कांग्रेस से जीतने वाले प्रमुख नेताओं में मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रताप सिंह राणे शामिल हैं।
उल्लेखनीय है पर्रिकर 24 अक्टूबर 2000 को पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने थे। वह 27 फरवरी 2002 तक मुख्यमंत्री रहे। 5 जून 2002 को वह फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने। वह देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।