यह ख़बर 08 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कुशवाहा प्रवर्तन निदेशालय की जांच के घेरे में

खास बातें

  • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय कुशवाहा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सकता है।
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) में हजारों करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निकाले गए पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सकता है।

ज्ञात हो कि बसपा से निकाले जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए कुशवाहा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित कर दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक ईडी ने उत्तर प्रदेश के एनआरएचएम में कथित 10000 करोड़ रुपये के घोटाले के संदर्भ में केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई) की ओर से दर्ज प्राथमिकी की जांच करना शुरू कर दिया है।

सूत्रों ने बताया कि ईडी ने यदि अपनी जांच में पाया कि आरोपियों ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अथवा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का किसी तरह से उल्लंघन किया है तो वह उनके खिलाफ मामला दर्ज कर सकता है।

सीबीआई ने कथित गबन के आरोपियों में उत्तर प्रदेश के पूर्व परिवार कल्याण मंत्री कुशवाहा का नाम शामिल किया है।

कुशवाहा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने पर बसपा ने गत नवंबर में उन्हें पार्टी से निकाल दिया। बसपा से निकाले जाने के बाद कुशवाहा विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए।

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कुशवाहा के भाजपा में शामिल होने का तीव्र विरोध पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा किए जाने पर पूर्व मंत्री ने पेशकश की कि जबतक भ्रष्टाचार के आरोपों से वह मुक्त नहीं हो जाते तबतक के लिए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित कर दिया जाए। कुशवाहा के इस प्रस्ताव को भाजपा ने स्वीकार कर लिया।