यह ख़बर 07 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

'निर्दोष साबित होने तक भाजपा की सदस्यता स्थगित रखूंगा'

खास बातें

  • बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि वह भाजपा से अपनी सदस्यता तब तक स्थगित रखेंगे, जब तक उनके खिलाफ लगे आरोपों की सच्चाई साबित न हो जाए।
नई दिल्ली:

मायावती की कैबिनेट से निकाले गए और फिर भाजपा में शामिल होकर विवादों के घेरे में आए बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि वह भाजपा से अपनी सदस्यता तब तक स्थगित रखेंगे, जब तक उनके खिलाफ लगे आरोपों की सच्चाई साबित न हो जाए।

कुशवाहा ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को लिखे पत्र में कहा, ‘मेरे भाजपा से जुडने के निर्णय को अनावश्यक रूप से विवाद का विषय बनाया जा रहा है। मुझे राजनीतिक षडयंत्र के कारण उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार और सीबीआई के जरिए केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।’

कुशवाहा के खिलाफ राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले के सिलसिले में सीबीआई जांच चल रही है और उनके यहां सीबीआई ने छापे भी मारे हैं।

कुशवाहा ने दावा किया कि जिन विवादों में उनका नाम घसीटा जा रहा है, उनमें वह निर्दोष हैं और वह किसी भी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने को तैयार हैं।

गडकरी को लिखे पत्र की भाजपा द्वारा यहां जारी प्रति के मुताबिक कुशवाहा ने दावा किया है कि अब तक उनके खिलाफ किसी भी आपराधिक मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं और न ही उनका कोई आपराधिक इतिहास रहा है।

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कुशवाहा ने कहा, ‘मेरे ऊपर जो आक्रमण किए जा रहे हैं, वह मेरे पिछड़े वर्ग के आरक्षण में साढ़े चार प्रतिशत को अल्पसंख्यकों के वोट बैंक के लालच में छीने जाने के षडयंत्र को उजागर करने के मेरे विरोध के स्वर को दबाने हेतु किए जा रहे हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग के खिलाफ साजिश का नतीजा है। ‘मैं नहीं चाहता कि मेरे खिलाफ दुष्प्रचार के आरोपों के परिणामस्वरूप भाजपा को अनावश्यक विवाद का कारण बनाया जाए। अत: जब तक मेरे ऊपर लगे आरोपों की सच्चाई के संबंध में उचित निवारण न हो जाए तब तक मैं भाजपा की अपनी सदस्यता को स्थगित रखूंगा।’