यह ख़बर 02 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

राजनीतिक नुकसान पहुंचाने को सीबीआई का इस्तेमाल : माया

खास बातें

  • मायावती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के मकसद से सीबीआई ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) की जांच में तेजी दिखाई है।
सीतापुर:

कांग्रेस पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के मकसद से सीबीआई ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) की जांच में तेजी दिखाई है।

सीतापुर में एक चुनाव सभा को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा, "सीबीआई और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दबाव में आकर हमारी पार्टी को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के मकसद से जितनी तेजी एनआरएचएम की गड़बड़ियों की जांच में दिखाई है, उतनी तेजी इन दोनों जांच एजेंसियों ने केंद्र सरकार के टेलीकॉम घोटाले और राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन से जुड़े घोटाले की जांच में नहीं दिखाई, क्योंकि इन घोटालों में ज्यादातर कांग्रेस के लोग शामिल हैं।"

मायावती ने कहा, "एनआरएचएम मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश करते समय हमारी पार्टी को पहले ही यह अंदेशा था कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों की आड़ में राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करेगी और यह अंदेशा सच होता नजर आ रहा है।"

महंगाई के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ी है। उन्होंने कहा कि बसपा हमेशा से ऐसी नीतियों की मांग करती रही है जिससे पूंजीपतियों की नहीं बल्कि आम आदमी की पूंजी बढ़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं से आम लोगों को कोई फायदा नहीं पहुंचा है। केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि बसपा सरकार ने राज्य में अपने संसाधनों से सर्वसमाज के हित में कई योजनाएं शुरू की हैं जिनका भविष्य में लाभ देखने को मिलेगा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उत्तर प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास के लिए राज्य के पुनर्गठन को आवश्यक बताते हुए मायावती ने कहा कि राज्य विभाजन के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार आवश्यक संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं उठा रही है। उन्होंने लोगों से विधानसभा चुनाव में राज्य के विभाजन का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों को सबक सिखाने का आह्वान किया।