यह ख़बर 15 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सरकार बनी तो मुलायम-माया जाएंगे जेल : वर्मा

खास बातें

  • समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में आए वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो भ्रष्टाचारी मुलायम सिंह यादव और मायावती जेल जाएंगे।
रांची:

समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में आए वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो भ्रष्टाचारी मुलायम सिंह यादव और मायावती जेल जाएंगे।

बुधवार को रांची में कांग्रेस के नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने बेलाग कहा, उत्तर प्रदेश में इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को स्पष्ट महुमत मिलेगा और उसकी सरकार बनेगी तथा सरकार बनते ही मुलायम सिंह यादव और मायावती के भ्रष्टाचार की जांच करा कर उन्हें जेल भेजा जाएगा। वर्मा ने कहा कि मुलायम सिंह की पार्टी में वह स्वयं रहे हैं और अच्छी तरह से जानते हैं कि वह किस तरह आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम मुसलमानों के प्रति भी ईमानदार नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘मुलायम तो स्वयं मुसलमान विरोधी हैं। यह तो मैं उनके साथ था जो अयोध्या में 1990 में बाबरी मस्जिद को गिराने से बचाया था।’ वर्मा ने कहा कि मायावती शासन में इतने भ्रष्टाचार हुए हैं कि हर एक गड़बड़ी की सुई मायावती की ओर घूम जाती है। उन्होंने कहा कि अभी तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ही जांच हो रही है। मायावती के सत्ता से बाहर होते ही सभी मामलों की जांच करायी जायेगी और मायावती और उनके सिपहसालार जेल की चक्की पीसेंगे।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह और मायावती के शासन काल में भारी भ्रष्टाचार हुए हंै और इसी के चलते प्रदेश देश के अन्य राज्यों से विकास की दौड़ में मीलों पीछे चला गया है।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की लहर बताते हुए बेनी प्रसाद वर्मा ने दावा किया कि 22 वर्ष बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार वापस आ रही है। यह पूछे जाने पर कि यदि यह चमत्कार हुआ तो इसका सबसे अधिक श्रेय किस मुद्दे या व्यक्ति को दिया जाएगा वर्मा ने स्पष्ट कहा ‘कांग्रेस की बदली हुयी तस्वीर और उत्तर प्रदेश में उसकी बदली हुयी फिजा के लिए पूरी तरह से पार्टी के महासचिव और युवा नेता राहुल गांधी को ही श्रेय जाता है।’ उन्होंने चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस की ओर से अपनी दावेदारी की ओर संकेत किया लेकिन स्पष्ट किया कि इस बारे में कोई भी अंतिम फैसला स्वयं राहुंल गांधी ही करेंगे।

उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण के बारे में चल रही बहस के बारे में पूछे जाने पर वर्मा ने कहा कि वह भी उत्तर प्रदेश ही नहीं समस्त देश में मुसलमानों को सरकारी नौकरियों में नौ प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि जो भी जातियां या समुदाय विकास की दौड़ में पिछड़ गये हैं , उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।

उन्हें कांग्रेस में शामिल किये जाने से कांग्रेस पार्टी को मिलने वाले लाभ के बारे में पूछे जाने पर वर्मा ने कहा कि वह मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी से अपने वर्ग के सभी पिछड़ों का समर्थन मूल और सूद समेत लेकर कांग्रेस में आ गये हैं जिसका कांग्रेस को जबर्दस्त लाभ मिल रहा है।

लोकपाल के लिए हो रहे आंदोलन के दूसरे दौर के दौरान अन्ना हजारे पर 'भगोड़ा' जैसी अपनी कड़ी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर वर्मा ने स्पष्ट किया, ‘उस दिन वास्तव में मैं थोड़ा गुस्से में था। सोनिया और राहुल गांधी के बारे में अन्ना हजारे और उनकी टीम अनाप शनाप बातें कर रही थी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा था। कार्यकर्ताओं का मनोबल वापस लाने के लिए और अन्ना टीम के राहुल और सोनिया जी के बारे में किये जा रहे प्रलाप को दूर करने के लिए ही मैंने उस दिन कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया।’ वर्मा ने दावा किया ‘इसी तरह की प्रतिक्रिया का प्रभाव हुआ कि उत्तर प्रदेश में अन्ना की टीम को को समर्थन नहीं मिला और उनका शो फ्लाप हो गया।’

वर्मा ने पलट कर पूछा ‘आपने देखा नहीं उत्तर प्रदेश में कहीं भी अन्ना टीम के समर्थन में कितने लोग जुटे।’ उन्होंने दावा किया कि रामलीला मैदान का अन्ना का आंदोलन कुछ गैर सरकारी संगठनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के संयुक्त प्रयास से सफल हुआ था लेकिन जब अन्ना सार्वजनिक तौर पर यह मानने कौ तैयार नहीं हुए कि उन्हें संघ और भाजपा का समर्थन मिला था या उससे लाभ हुआ था तो मुंबई के आंदोलन में संघ और भाजपा ने उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया जिसका परिणाम सबके सामने है।

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यह पूछे जापे पर कि अपनी इस तरह की टिप्पणी पर क्या उन्हें अफसोस है बेनी प्रसाद वर्मा ने दो टूक कहा ‘मुझे अपनी टिप्पणियों का कोई अफसोस नहीं है । अन्ना जैसे थे वैसी ही मैंने उनके बारे में टिप्पणी की।’