बीजेपी की जीत के बाद नरेंद्र मोदी के 'घोर आलोचक' ने मारी पलटी, खत में दी बधाई

बीजेपी की जीत के बाद नरेंद्र मोदी के 'घोर आलोचक' ने मारी पलटी, खत में दी बधाई

मुरली मनोहर जोशी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

असम में शानदार जीत हासिल करने और केरल व पश्चिम बंगाल में राजनैतिक रूप से उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मनाए जा रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जश्न में उस समय और भी जोश घुल गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक रहे पार्टी के ही एक बेहद वरिष्ठ नेता ने खत लिखकर पीएम के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी बधाई संदेश दिया।

बीजेपी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक तथा पार्टी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य मुरली मनोहर जोशी ने प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष को अलग-अलग भेजे खतों में उन्हें पार्टी की 'ऐतिहासिक जीत' के लिए बधाई दी है।

मार्गदर्शक मंडल का 'आत्मसमर्पण' समझा जा रहा है खत को...
इस छोटे-से खत को मार्गदर्शक मंडल के 'आत्मसमर्पण' के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने पिछले साल बिहार चुनाव में मिली हार के बाद प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष की आलोचना की थी।

पूर्व मानव संसाधन एवं विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने खत में लिखा, "रणनीति और कार्यकर्ताओं के परिश्रम की बदौलत देश की राजनीति में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है... पहली बार बीजेपी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक, और द्वारका (गुजरात) से कामरूप (असम) तक मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है... अन्य राज्यों में, जहां चुनाव होने वाले हैं, विशेषकर उत्तर प्रदेश में, कार्यकर्ताओं को इस जीत से प्रेरणा और साहस मिलेगा..."

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देखें वीडियो रिपोर्ट
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बिहार के बाद मार्गदर्शक मंडल ने की थी पीएम, पार्टी अध्यक्ष की आलोचना...
पिछले साल नवंबर में बिहार में पार्टी की हार के बाद मार्गदर्शक मंडल, जिसमें मुरली मनोहर जोशी के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा और शांता राम भी शामिल हैं, ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष की आलोचना की थी। इन दिग्गजों ने मांग की थी कि हार की ज़िम्मेदारी तय की जाए, और उनकी इस मांग को प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष पर सीधे हमले के रूप में देखा गया था, जिन्होंने बिहार चुनाव की रणनीति तैयार की थी और प्रचार अभियान का नेतृत्व किया था।

मार्गदर्शक मंडल ने यह आरोप तक लगाया था कि 'पिछले एक साल में पार्टी पंगु हो चुकी है', और उसे 'कुछ गिनेचुने लोगों की बन्दगी करने के लिए विवश किया' जा रहा है।

इन वरिष्ठ नेताओं को वर्ष 2014 में पार्टी के केंद्र में सत्ता में आने के समय से ही दरकिनार किया जा रहा है, लेकिन नपी-तुली प्रतिक्रिया के तहत इन आरोपों के बाद मार्गदर्शक मंडल के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। उस वक्त पार्टी नेता राम माधव ने कहा था, "अगर हमारे वरिष्ठों को लगता है कि आकलन होना चाहिए, तो हम उस पर विचार करेंगे..."


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