तमिलनाडु में मिली हार पर डीएमके नेता ने कहा, 'लोगों ने अपना जमीर शैतान के हाथों बेच दिया'

तमिलनाडु में मिली हार पर डीएमके नेता ने कहा, 'लोगों ने अपना जमीर शैतान के हाथों बेच दिया'

डीएमके नेता दयानिधि मारन की फाइल फोटो

चेन्नई:

तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और रिश्ते में डीएमके प्रमुख करुणानिधि के पोते दयानिधि मारन ने बेहद ही विवादित बयान दिया है। एआईएडीएमके के हाथों मिली हार पर इस डीएमके नेता ने कहा कि 'तमिलनाडु के लोगों ने अपना जमीर शैतान के हाथों बेच दिया है।'

एआईएडीएमके पर लगाया पैसे बांटने का आरोप
मारन ने एआईएडीएमके पर आरोप लगाया सत्ताधारी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए वोटरों को पैसे दिए। उन्‍होंने कहा कि जब सारे एग्जिट पोल्‍स में डीएमके की जीत की संभावना जताई गई, तो इससे सत्ताधारी पार्टी पर दबाव बना कि जीत के लिए वह ज्‍यादा पैसे खर्च करे।

इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'आपने देखा भी कि 570 करोड़ रुपये जब्त किए गए, उनका कोई दस्तावेज नहीं था। मैंने कभी नहीं सुना कि किसी बैंक ने सुरक्षाकर्मी और उचित दस्तावेजों के बिना ट्रकों में भर कर 570 भेजा हो।' उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु के इतिहास में कभी कांटे की टक्कर देखने को नहीं मिली। यहां हमेशा स्पष्ट रुख रहता है। जनादेश डीएमके के साथ था, लेकिन पैसों के गंदे खेल की वजह से डीएमके लोगों की सेवा नहीं कर पाएगी।' इस आवेश में वह यह तक कह गए कि तमिलनाडु के लोगों ने अपना जमीर शैतान के हाथों बेच दिया है।

सोशल मीडिया पर मारन की खूब हुई खिंचाई
मारन के इन बयानों के बाद सोशल मीडिया पर उनकी खिंचाई शुरू हो गई। ट्विटर पर कई लोगों ने इन बयानों के लिए उनकी जमकर आलोचना की है। ऐसे ही एक यूजर लिखते हैं, 'यह सुन कर दुख होता है कि आप जैसा अनुभवी और शिक्षित व्यक्ति लोगों पर दोष मढ़े और उन पर जमीर बेचने का इल्जाम लगाए। जनादेश का सम्मान करें दयानिधि मारन।'

 
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