'फायरी' ममता बनर्जी; जिनकी पहचान है उनकी सादी जीवन शैली और स्पष्टवादिता

'फायरी' ममता बनर्जी; जिनकी पहचान है उनकी सादी जीवन शैली और स्पष्टवादिता

ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री हैं और तृणमूल कांग्रेस की चीफ हैं। फायरी ममता बनर्जी के नाम से जाने जाने वाली ममता को उनके समर्थक और विरोधी, दोनों ही, दीदी कहकर बुलाते हैं। सादे जीवन के लिए जाने जानी वाली ममता हमेशा बंगाली सूती साड़ी में दिखती हैं। ममता फिलहाल अविवाहित हैं। किसी प्रकार का मेकअप या गहने या कोई खास एलीट क्लास पसंद उनकी नहीं दिखती। स्पष्टवादिता के लिए भी वह जानी जाती हैं और जनता के बीच आसानी से घुलमिल जाती हैं। यही कारण है कि उनकी बेहद मजबूत लोकप्रिय छवि रही है।

कोलकाता में जन्म लेने वाली ममता के पिता के स्वतंत्रता सेनानी थे। ममता जब छोटी थीं, तभी उनका देहांत हो गया था। कहते हैं कि गरीबी के चलते उन्होंने अपने परिवार के भरण पोषण के लिए खुद दूध बेचा। संघर्षरत जीवन के बीच उनकी पढ़ाई रुकी नहीं। कोलकाता के जोगमाया देवी कॉलेज से ममता बनर्जी ने इतिहास में ऑनर्स की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने बीएड, एमए, कानून और मास्टर्स की पढ़ाई भी की।

2011 में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी...
ममता बनर्जी के बारे में मशहूर है कि वह कविताएं भी लिखती हैं और पेटिंग भी करती हैं। ममता बनर्जी को खेलों में क्रिकेट से भी गहरा लगाव बताया जाता है। 2011 में उन्‍होंने पश्‍चि‍म बंगाल में 34 वर्षों से सत्ता पर काबिज लेफ्ट फ्रंट को उखाड़ फेंका था। यह एक ऐतिहासिक जीत थी।

विवादास्पद लेकिन देश की पहली रेल मंत्री...
केंद्र सरकार में वह देश की बतौर पहली महिला रेल मंत्री रह चुकी हैं। केंद्र में ही वह मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री, कोयला, युवा मामलों और खेल के साथ ही महिला बाल विकास राज्य मंत्री रह चुकी हैं। इसके अलावा ममता बनर्जी केंद्र सरकार में कोयला, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री, युवा मामलों और खेल के साथ ही महिला व बाल विकास की राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं।

पढ़ाई के दिनों से ही वह राजनीति में सक्रिय रह रही थीं। 1970 से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। 1976 से 1980 तक वह महिला कांग्रेस की महासचिव रहीं। देश की सबसे युवा सांसद बनीं ममता ने 1984 में सीपीएम के वरिष्ठ नेता सोमनाथ चटर्जी को जादवपुर लोकसभा सीट से हराया था। 1991 में कोलकाता से लोकसभा के लिए चुनी गईं ममता को केंद्रीय मंत्रीमंडल में भी मौका मिला। वह नरसिम्हा राव सरकार में मानव संसाधन विकास, युवा मामलों और महिला एवं बाल विकास विभाग में राज्य मंत्री बनीं। वह नरसिम्हा राव सरकार में खेल मंत्री के तौर पर भी बनाई गईं। लेकिन बाद में कुछ मतभेदों के चलते इस मंत्रालय से उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

1999 में उनकी टीएमसी पार्टी बीजेपी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार का हिस्सा बनी और यहीं उन्हें रेल मंत्री बनाया गया। अपने पहले ही रेल बजट के दौरान बंगाल को लेकर की गई घोषणाओं को लेकर उनकी आलोचना भी हुई।


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