खुलने से पहले ही बंद हो गया बीजेपी में एनडी तिवारी का अध्याय

खुलने से पहले ही बंद हो गया बीजेपी में एनडी तिवारी का अध्याय

ऐसे कयास थे कि एनडी तिवारी, बेटे रोहित के साथ बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं

खास बातें

  • एनडी तिवारी के बेटे कुछ दिन पहले बीजेपी में शामिल हुए थे
  • कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें हलद्वानी से टिकट मिलेगी
  • उत्तराखंड में बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट में रोहित का नाम नहीं है
नई दिल्ली:

कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता और उत्तराखंड-यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की बीजेपी से नज़दीकियां सिरे नहीं चढ़ सकी हैं. संभावना थी कि बीजेपी उनके बेटे रोहित शेखर को हलद्वानी से विधानसभा का टिकट देगी. लेकिन शनिवार देर रात जारी की गई बीजेपी की उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की दूसरी और अंतिम सूची में उन्हें जगह नहीं मिल सकी.

बुधवार को एनडी तिवारी ने अपनी पत्नी उज्ज्वला और बेटे रोहित शेखर के साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी. उसके बाद सोशल मीडिया पर बीजेपी की ज़बरदस्त खिंचाई शुरू हो गई थी. पार्टी का खूब मज़ाक़ बनाया गया. यह सवाल भी पूछा गया कि 91 साल के तिवारी को साथ लेकर बीजेपी युवाओं को क्या संदेश देना चाहती है.

हालांकि शाम होते-होते पार्टी ने सफाई दी थी कि तिवारी बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं और सिर्फ उनके बेटे ही शामिल हुए हैं. पार्टी सूत्रों ने यह इशारा भी दिया था कि रोहित शेखर को हलद्वानी सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है. पार्टी नेताओं के मुताबिक ख़ुद तिवारी ने बीजेपी का समर्थन करने की इच्छा जताई है.

लेकिन शनिवार देर रात जारी की गई उत्तराखंड की बीजेपी की दूसरी और अंतिम सूची में हलद्वानी से जोगेंद्र रौतेला को टिकट दिया गया है. इस तरह राज्य की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए पार्टी उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए गए हैं.

माना जा रहा है कि तिवारी को लेकर पार्टी की किरकिरी के बाद बीजेपी ने उनसे दूरी बनाने का फैसला किया है. तिवारी के परिवार में भी उनके इस कदम को लेकर असंतोष था. उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने सार्वजनिक रूप से इस बात पर हैरानी जताई थी कि जीवन भर कांग्रेस की सेवा करने के बाद तिवारी इस उम्र में पार्टी कैसे छोड़ सकते हैं.


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