नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि केरल हाउस बीफ विवाद और हरियाणा में दलित की मौत वास्तविक खबरों के मुकाबले चैनलों की ओर से चलाई जाने वाली खबरों का मामला है। उन्होंने कहा कि इन दोनों मामलों और आरक्षण को लेकर विवाद से जुड़े मामले का बिहार चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
एनडीटीवी से चर्चा में जेटली ने कहा, 'यह चुनाव अंक गणित के बारे में नहीं बल्कि कैमिस्ट्री के बारे में है और कैमिस्ट्री निश्चित रूप से हमारी ओर है। यह खोये हुए अवसरों की जमीन पर आकांक्षाओं और उम्मीदों के चुनाव हैं।' भाजपा शासित हरियाणा में दो दलित बच्चों की मौत का बिहार के चुनाव में पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा, 'यह निजी दुश्मनी की घटना थी, जिसे राज्य स्तर के मुद्दे का रूप दे दिया गया।'
नीतीश का विकास का दावा धराशायी
भाजपा नीत एनडीए गठबंधन की ओर से इस चुनाव को विकास के मुद्दे पर लड़े जाने का दावा करते हुए जेटली ने कहा कि नीतीश कुमार का विकास रूपी दावा उसी वक्त धराशायी हो गया था जब लालू प्रसाद यादव उनके गठबंधन के साथ जुड़े। उन्होंने कहा कि विपक्षी महागठबंधन की रणनीति विभिन्न मुद्दों पर एक ट्वीट पर ही आधारित है। यह रणनीति लोगों पर खासकर युवाओं पर काम नहीं कर रही।
अलग-अलग नेताओं में अलग क्षमता
इस बात की ओर ध्यान दिलाने पर कि लालू के बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप, नीतीश नीत महागठबंधन के युवा कार्ड हैं, जेटली ने कहा कि ये दोनों बिहार की सल्तनत के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं और देश की आकांक्षाओं को पूरा नहीं करते। बिहार में एनडीए का जनआकांक्षाओं को पूरा करने वाला नेता है, इस सवाल पर उन्होंने कहा, अलग-अलग नेताओं की अलग-अलग क्षमता है। इस संदर्भ में उन्होंने वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर, युवा मंत्रियों राजीव प्रताप रूडी, रविशंकर प्रसाद यहां तक कि जीतन राम मांझी का भी नाम लिया।