नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू होने से पहले ही अटकलों का बाजार गर्माने लगा है कि बिहार की सत्ता की चाबी इस बार किसके हाथ लगेगी, बीजेपी नीत एनडीए के या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत महागठबंधन के... हालांकि इस बीच राष्ट्रीय राजधानी के अशोक रोड स्थित बीजेपी मुख्यालय पहले से ही जीत के जश्न की भूमिका में आ चुका है।
मतगणना से एक दिन पहले शनिवार को बीजेपी मुख्यालय में आम दिनों की अपेक्षा कहीं अधिक हलचल मची रही। नेताओं से लेकर पार्टी कार्यकर्ता तक जीत के जश्न की तैयारियों में जुटे मिले। बीजेपी मुख्यालय से सटे भूभाग में रंग बिरंगे टेंट तन गए हैं।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह व्यवस्था चुनाव परिणाम जानने के लिए जुटने वाले सदस्यों के लिए है, हालांकि उनमें अंदर से जीत की खुशी साफ दिखाई दी। इंतजाम में व्यस्त एक कार्यकर्ता ने कहा, 'एलसीडी स्क्रीन लगाए जा रहे हैं और चाय की भी व्यवस्था रहेगी। टुडेज चाणक्य का मतदान बाद सर्वेक्षण आने के बावजूद हम संशकित रहे, लेकिन जब एनडीटीवी ने भी एनडीए की जीत की बात कह दी तो हम अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हो चले हैं।'
हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि उनमें इतना आत्मविश्वास बिहार में जमीनी स्तर पर किए गए उनके अध्ययन के कारण है। बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह ने कहा, 'हमें एग्जिट पोल में विश्वास नहीं है। हमने जमीनी स्तर पर कठिन मेहनत की है और हमें स्पष्ट दो तिहाई बहुमत मिलने का पूरा भरोसा है। हमें समाज के हर हिस्से का भरपूर समर्थन मिला है।'
वहीं एक अन्य पार्टी महासचिव अनिल जैन ने बताया, 'एग्जिट पोल अपना काम कर चुके हैं। लेकिन हमारी अंदरूनी रिपोर्ट कहती है कि एनडीटीवी को 140 सीटें मिलेंगी।'
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार में काम करने वाले एक पार्टी नेता ने कहा, 'जब एनडीटीवी ने हमें बहुमत दे दिया, इसका मतलब है कि लहर हमारे पक्ष में है। इसके अलावा हमारे आत्मविश्वास का कारण यह है कि बिहार में अधिकांश पिछड़ा तबका और युवा हमारे पक्ष में है।' बीजेपी में जीत का यह माहौल कब तक बना रहता है यह रविवार को आने वाले मतगणना के परिणाम ही बताएंगे।