बिहार चुनाव 2015 : नीतीश के ‘साइकिल दूत’ जुटे हुए हैं प्रचार में

बिहार चुनाव 2015 : नीतीश के ‘साइकिल दूत’ जुटे हुए हैं प्रचार में

पटना:

बक्सर पहुंचने से ठीक पहले सड़क पर कुछ साइकिल सवार नज़र आए। ख़ास ढंग से सजी थी इनकी साइकिल। नज़दीक आने पर दिखा कि ये पूरी साइकिल प्रचार रथ से कम नहीं है।

नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव लड़ रही गठबंधन पार्टियों के नेताओं की तस्वीरों से लैस सड़क पर चलंत होर्डिंग्स की तरह थी। समूह में कुल पांच नौजवान थे और सबकी साइकिल एक जैसी। नीतीश, लालू, सोनिया, राहुल और शरद यादव की तस्वीरों के अलावा इन पर नीतीश राज के विकास के प्वाइंटर्स भी लिखे हैं और चुनावी घोषणा पत्र के मुख्य बिंदू भी।

सभी साइकिलों के हैंडल पर एक छोटा स्पीकर लगा है जिस पर लगातार नीतीश को जिताने संबंधी गाने बज रहे होते हैं। इस तरह की कई टोलियां अलग अलग हिस्सों में साईकिल से प्रचार में जुटी हैं। ये रोज 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। ये अलग-अलग बस्तियों में जाते हैं और लोगों से नीतीश के लिए वोट मांगते हैं। फिर लोगों से मोबाइल नंबर भी लेते हैं। उसे रजिस्टर पर लिखते हैं ताकि मोबाइल डेटा बैंक तैयार हो सके। साथ में ये उनसे आग्रह भी करते हैं कि वे एक ख़ास नंबर पर मिस्ड कॉल दें। ऐसा करने पर दूसरी तरफ से कॉल आता है और नीतीश के भाषण के चुनिंदा हिस्से और वोट की अपील सुनाई पड़ती है।

ग्रुप के नौजवानों के पास छोटे-छोटे स्टीकर्स भी हैं जिन्हें लोगों के मोबाइल फोन पर चिपकाने के निर्देश हैं। नीतीश की तस्वीर लगे इन स्टीकर्स को बक्सर के पास के पडरी गांव के लोग बड़े चाव से चिपकवाते देखे गए। ज़ाहिर है मोबाइल पर स्टीकर्स चिपका प्रचार करने के पीछे मंशा साफ है कि जब भी कोई मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए हाथ में लेगा उसे नीतीश का चेहरा दिखाई पड़ेगा।

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इस प्रचार ग्रुप के आसपास जमा लोगों से पूछे जाने पर उन्होने बताया कि इस तरह के प्रचार का अपना ज़बर्दस्त असर होता है। नेता हर देहरी पर ख़ुद तो नहीं पहुंच सकते लेकिन अपने दूतों को भेज कर उसकी कमी पूरी करना चाहते हैं।