क्‍या नीतीश कुमार को ही फिर मिल पाएगी बिहार की कमान...?

क्‍या नीतीश कुमार को ही फिर मिल पाएगी बिहार की कमान...?

नीतीश कुमार की फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

नीतीश कुमार के बारे में वैसे तो सब जानते ही हैं लेकिन अपनी साख दांव पर लगाए विकास पुरुष नीतीश कुमार के लिए यह चुनाव खास है। अपने 10 साल के कार्यकाल में 8 साल से ज्‍यादा वक्‍त तक जिस पार्टी के साथ मिलकर वो सत्ता में रहे, इस बार उसी के खिलाफ वो चुनाव मैदान में हैं। जिस लालू प्रसाद यादव का विरोध कर कभी वो राज्‍य की गद्दी पर बैठे थे, आज उनके साथ ही गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं।

नीतीश कुमार का जन्म बिहार के बख्तियारपुर में एक मार्च 1951 को हुआ था। बिहार में अगर कद्दावर नेताओं की बात की जाए तो नीतीश का ना टॉप के नेताओं में गिना जाता है। नीतीश कुमार फरवरी 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं. हालांकि कि बीच में कुछ समय तक जीतन राम मांझी ने ये कुर्सी संभाली थी। उसके बाद फरवरी 2015 से नीतीश फिर से गद्दी पर बैठे।

जनता दल यूनाइटेड से संबंध रखने वाले नीतीश कुमार एनआईटी पटना से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। जेपी आंदोलन से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले नीतीश कुमार पहली बार 1985 में विधायक बने। राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने के बाद 1990 में पहली बार नीतीश कुमार केन्द्रीय मंत्रीमंडल में कृषि राज्यमंत्री रहे। नीतीश पहली बार वर्ष 2000 में सात दिनों के लिए बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, हालांकि वो सदन में अपना बहुमत साबित नहीं कर सके थे।

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अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार में मई 2001 से 2004 तक नीतीश केंद्रीय रेलमंत्री रहे। बिहार में 15 साल से सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनता दल को नंवबर 2005 में नीतीश ने जबरदस्‍त पटखनी दी और वो राज्‍य के मुख्‍यमंत्री बने। इस बार चुनाव में नीतीश महागंठबंधन के सीएम उम्मीदवार हैं।