कैसे करें सुरक्षित निवेश और क्या होनी चाहिए आपकी रणनीति, जानें एक्सपर्ट की राय

कैसे करें सुरक्षित निवेश और क्या होनी चाहिए आपकी रणनीति, जानें एक्सपर्ट की राय

प्रतीकात्मक तस्वीर

अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई को कौन बचाना नहीं चाहेगा और कौन बढ़ाना नहीं चाहेगा। लेकिन इसके लिए करें क्या? हमारी रणनीति क्या होनी चाहिए? कैसे हमारा निवेश सुरक्षित रहे?  जाने-माने इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट सूर्या भाटिया के मुताबिक, किसी भी निवेशक को पहले अपनी आर्थिक क्षमता का पता लगाना चाहिए। सबसे पहले ये देखना चाहिए कि वो कितना निवेश कर सकता है और लगातार कब तक कर सकता है।

'शेयर बाजार एक अच्छा विकल्प है...'
सूर्या भाटिया के मुताबिक निवेश का एक अच्छा विकल्प शेयर बाज़ार है। अगर आप अपने निवेश को महंगाई की मार से बचाए रखना चाहते हैं तो आपको इक्विटी मार्केट का रुख़ करना ही होगा। यहां लंबे और समझदारी भरे निवेश से आप महंगाई दर से अपनी बचत को कम से कम दो फीसदी ऊपर रख सकते हैं। वैसे पीएफ़, पीपीएफ़ और फिक्स्ड डिपॉज़िट भी निवेश के अच्छे विकल्प हैं लेकिन इनमें ब्याज दर निश्चित होती है। इसलिए ज़रूरी नहीं कि आपकी बचत महंगाई दर की मार से बची रह जाए। इसलिए इक्विटी मार्केट का रुख़ करना अहम हो जाता है। इक्विटी मार्केट में भी एक आम निवेशक को सीधे शेयर बाज़ार में उतरने से बचना चाहिए क्योंकि वो बाज़ार की बारीकियों से वाकिफ़ नहीं होता। लिहाज़ा सीधे शेयर बाज़ार में उतरकर वो नुकसान में आ सकता है और अपनी पूंजी गंवा सकता है। ऐसे में म्युचुअल फंड इक्विटी में उतरने का अच्छा रास्ता है। म्युचुअल फंड में आपके पैसे को बाज़ार के जानकार ही शेयरों में निवेश करते हैं। बाज़ार में कई सुरक्षित म्युचुअल फंड हैं जिन्हें कंज़र्वेटिव फंड भी कहा जाता है। इनके ज़रिए आपका पैसा बाज़ार में सुरक्षित शेयरों में ही लगाया जाता है।

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एनडीटीवी इंडिया के 'पैसा वसूल' नामक विशेष कार्यक्रम में में हमने साठ साल के एक रिटायर्ड व्यक्ति के निवेश पर भी विचार किया। इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट सूर्या भाटिया कहते हैं कि रिटायर्ड व्यक्ति के सामने चुनौती और बड़ी होती है। उसे अपनी ज़िंदगी भर की बचत को समझदारी से निवेश करना होता है। ज़रा सी ग़लती उसे बड़े नुकसान में धकेल सकती है। इसलिए अगर आप साठ साल के हो गए हैं और रिटायर हो चुके हैं तो अपनी बचत से सबसे पहले एक इमरजेंसी फंड अलग निकालें जिसे आप आपात समय में इस्तेमाल कर सकें।

क्या है थंब रूल...
इसके अलावा ये भी देखना होगा कि बचत से आप कैसे हर महीने के खर्च के लिए नियमित आय का इंतज़ाम कर सकते हैं। सूर्या भाटिया ने निवेश के क्षेत्र में एक नियम या कहें थंब रूल की जानकारी दी जिससे ये पता लगता है कि आप अपनी बचत का कितना पैसा इक्विटी में लगाना चाहिए। उनके मुताबिक आप अपनी उम्र को सौ से घटा लें और जो संख्या आए, अपनी बचत का उतना ही फ़ीसदी इक्विटी में लगाएं. यानी साठ साल के आदमी को अपनी बचत का 40 फीसदी इक्विटी में लगाना चाहिए ताकि उसे बाज़ार का भी फ़ायदा मिल सके और जोखिम भी कम रहे। लेकिन इसमें भी वो सीधे शेयर बाज़ार में ना उतरे म्युचुअल फंड का सहारा ले।

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उनसे पूछा गया कि कोई भी आदमी रियल एस्टेट या फिर कहें मकान में कितना निवेश करे, कितने घर या फ़्लैट उसे ख़रीदने चाहिए? सूर्या भाटिया कहते हैं कि समझदारी ये है कि आपको अगर ज़रूरत है तो एक ही फ़्लैट ख़रीदें वो भी अपने रहने के लिए। उससे ज़्यादा ख़रीदने का लालच आर्थिक तौर पर सही नहीं होता। क्योंकि, रियल एस्टेट का बाज़ार आपको कभी भी धोखा दे सकता है और दूसरा रियल एस्टेट में ज़्यादा पैसा लगाने से आप अपनी पूंजी को लंबे समय के लिए फंसा देते हैं और आपको अक्सर वो फ़ायदा नहीं मिल पाता जो इक्विटी एक्सपोज़र से आपको मिलता है।