'बजट और चुनाव पास-पास हैं' : विपक्ष की आपत्ति, चुनाव आयोग से तारीख बदलने के लिए मिले

'बजट और चुनाव पास-पास हैं' : विपक्ष की आपत्ति, चुनाव आयोग से तारीख बदलने के लिए मिले

फाइल फोटो

खास बातें

  • विपक्ष को बजट और चुनाव की तारीख नज़दीक होने से आपत्ति
  • विपक्षी पार्टियों ने इस संदर्भ में चुनाव आयोग से मुलाकात की
  • बीजेपी का कहना है कि ऐसा हमेशा से होता आया है
नई दिल्ली:

भारत के पांच राज्यों में होने वाले चुनावों की तारीखों की घोषणा के ठीक एक दिन बाद विपक्षी पार्टियां ने एकजुट होकर चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटाया. ऐसा करने के पीछे की वजह है बजट पेश करने की तारीख यानि एक फरवरी जो कि चुनाव से ठीक पहले की है. विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि यह तारीख आगे सरका दी जाए. कांग्रेस, तृणमूल, समाजवादी पार्टी, बसपा, जनता दल युनाइटेड और लालू यादव की पार्टी आरजेडी मिलकर आज (गुरुवार) चुनाव आयोग से मिलेगी. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करके मुलाकात का मुद्दा बताया - 'विषय : बजट की तारीख मतदान के काफी करीब है.'

बता दें कि 4 फरवरी से यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव होने हैं यानि 1 फरवरी को बजट की घोषणा के 72 घंटों के अंदर. मतदान के नतीजे 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. विपक्ष का कहना है कि बजट को चुनावी परिणामों के बाद पेश किया जाना चाहिए और अगर ऐसा पहले किया गया तो सरकार आसानी से लोक-लुभावन घोषणाओं से मतदाताओं को अपनी ओर खींच सकता है.

चुनाव आयोग के प्रमुख नसीम ज़ैदी ने बुधवार को ही पुष्टि की है कि उनसे कहा गया है कि सरकार को चुनाव से पहले बजट पेश करने के लिए रोका जाए. 2012 में जब इन्हीं राज्यों में चुनाव हुए थे, तब भी फरवरी में पेश होने वाला बजट, मार्च के मध्य में मतदान पूरा होने के बाद साझा किया गया था.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा 'चुनाव आयोग यह देखता है कि ऐसी कोई परिस्थिति पैदा न हो जिससे निष्पक्ष चुनाव का आयोजन विफल हो जाए.' हालांकि बीजेपी का कहना है कि बजट की तारीख को आगे बढ़ाने की कोई वजह नहीं है क्योंकि हर साल, कोई न कोई चुनाव जरूर होता है. बुधवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा '2014 में भी बजट चुनाव से पहले ही पेश किया गया था.'

सरकार ने तय किया है कि आम बजट को पहले पेश किया जा सके ताकि 1 अप्रैल से प्रस्तावों को लागू किया जा सके. ससंद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी को शुरू होगा जब सरकार आर्थिक सर्वे पेश करेगी जिससे बजट की दिशा का अंदाज़ा लगाया जा सकेगा. पिछले सितंबर कैबिनेट ने रेल बजट को भी आम बजट में शामिल करने का फैसला किया जिससे एक सदी से रेल और आम बजट अलग अलग पेश किए जाने के चलन का अंत हुआ.

गौरतलब है कि गोवा और पंजाब में 4 फरवरी को, उत्तराखंड में मतदान 15 फरवरी को, मणिपुर में पहले चरण का मतदान 4 मार्च, दूसरे चरण का मतदान 8 मार्च को होगा. वहीं उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान कराया जाएगा. मतदान की तारीख 11, 15, 19, 23, 27 फरवरी तथा 4, 8 मार्च को होगी. सभी पांचों राज्यों में मतगणना 11 मार्च को कराई जाएगी.


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