केंद्र सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी 'सबके लिए आवास' योजना के लिए नौ राज्यों के 305 शहरों की पहचान की है।
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत शहरी गरीबों के वास्ते आवास निर्माण की शुरुआत करने के लिए नौ राज्यों में कम से कम 305 शहरों और कस्बों की पहचान की गई है। लगभग दो करोड़ शहरी गरीबों को उनका खुद का आवास मुहैया कराने के लिए मंत्रालय अगले छह साल में दो लाख करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराएगा।
इन चुने गए शहरों में से छत्तीसगढ़ में 36, गुजरात में 30, जम्मू-कश्मीर में 19, झारखंड में 15, केरल में 15, मध्य प्रदेश में 74, ओडिशा में 42, राजस्थान में 40 और तेलंगाना में 34 शहर या कस्बे हैं। केंद्र सरकार की 'प्रधानमंत्री आवास योजना' को इस साल 25 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था। इसके तहत वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में गरीबों के लिए दो करोड़ मकान बनाए जाने की योजना है। 2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे।
अधिकारी ने बताया कि इन नौ राज्यों के अलावा छह अन्य राज्यों ने मंत्रालय के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर प्रतिबद्धता जताई है कि वे शहरी क्षेत्रों में आवास मिशन को सफल बनाने के लिए आवश्यक छह सुधार लागू करेंगे।
सुधार संबंधी उपायों के कार्यान्वयन की प्रतिबद्धता जताने वाले आंध्र प्रदेश, बिहार, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और उत्तराखंड शामिल हैं। इन राज्यों को सस्ते मकान बनाने के लिए शहर के मास्टर प्लान में परिवर्तन या सुधार, भवन निर्माण संबंधी मंजूरियों के लिए एकल खिड़की व्यवस्था, लेआउट की स्वीकृति के लए समयबद्ध क्लियरेंस प्रणाली, किराया कानूनों में संशोधन, अतिरिक्त फ्लोर एरिया अनुपात की अनुमति और झोपड़ पट्टी का पुनर्विकास इत्यादि सुधार करने होंगे।