एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को मौजूदा कारोबारी साल में भारत की विकास दर के अनुमान को घटाकर 4.7 फीसदी कर दिया, जिसे पहले उसने छह फीसदी रखा था।
एडीबी ने अपने सालाना एशियाई विकास परिदृश्य 2013 रिपोर्ट में कहा कि रुपये के हाल के अवमूल्यन और पूंजी के बाहर की ओर प्रवाह के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था अत्यधिक दबाव में है और इसके साथ संरचनागत दिक्कतों के कारण देश के उच्च विकास दर दोबारा हासिल करने की संभावना कम रह गई है।
मनीला स्थित बैंक ने कहा, "2013-14 की पहली तिमाही में विकास दर वित्तीय संकट के बाद से सबसे कम रह जाने के साथ ही एडीबी ने विकास दर के अनुमान को अप्रैल में घोषित छह फीसदी से घटाकर 4.7 कर दिया।"
अगले कारोबारी साल के लिए भी विकास दर के पूर्वानुमान को 6.5 फीसदी से घटाकर 5.7 फीसदी कर दिया गया। 2012-13 में देश की विकास दर पांच फीसदी थी।
एडीबी ने हालांकि कहा कि यदि भारत लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ने का भरोसा दिलाना चाहता है, तो उसे संरचनागत सुधार करना होगा ताकि जिन बड़ी अधोसंरचना परियोजनाओं में देरी हो रही है, उसकी गति तेज की जा सके और विदेशी निवेश बढ़ सके और लंबी अवधि के विकास की अन्य बाधाएं दूर की जा सके।