एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने रविवार को कहा कि वह भारत को अगले तीन साल में करीब छह अरब डॉलर का कर्ज मुहैया कराएगा। हालांकि एडीबी ने कहा है कि उसे संसाधन जुटाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
बैंक ने कहा ‘‘हमारा मानना है कि एडीबी भारत को ऋण देने का अपना स्तर बरकरार रखेगा... अगले तीन साल में करीब दो अरब डॉलर सालाना।’’ एडीबी के अध्यक्ष ताकेहिको नाकाओ ने धन मुहैया कराने वाली इस एजेंसी की 46वीं सालाना बैठक के आखिरी दिन कहा ‘‘हम अब देश की भागीदारी रणनीति पर काम कर रहे हैं और हम भारत के साथ ऋण देने का स्तर बरकरार रखना चाहते हैं।’’ भारत एडीबी का सबसे बड़ा कर्जदार है।
मनीला मुख्यालय वाले इस बहु-पक्षीय ऋणदाता ने परिवहन, ऊर्जा, वाणिज्य, उद्योग, व्यापार और वित्त जैसे क्षेत्रों में 2012 में 2.4 अरब डॉलर का ऋण दिया था।
यह पूछने पर कि क्या एडीबी ने परियोजनाओं की पहचान की है, नाकाओ ने कहा कि अभी विशिष्टताओं पर बात करना जल्दी होगी लेकिन एडीबी की टीम विभिन्न किस्म की ठोस परियोजनाओं पर विचार कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि बैंक निवेश से मुनाफा कम मिलने के बावजूद सदस्य देशों को साल में 10 अरब डॉलर का ऋण देना जारी रखेगा।
एडीबी को संसाधन जुटाने में हो रही मुश्किल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर तुरंत और सावधानी से ध्यान देने की जरूरत है।
नाकाओ ने कहा ‘‘हम ऐसे सभी विकल्पों पर विचार करेंगे ताकि हमारे ऋण देने का स्तर पर्याप्त बना रहे।’’ उन्होंने कहा कि ज्यादा आय के लिए विभिन्न किस्म की परिसंपत्तियों में सक्रियता से निवेश एक विकल्प हो सकता है। वित्तीय सुरक्षा और मुनाफा निवेश का प्रमुख उद्देश्य हो सकता है।