रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाकर बतौर अंतरिम चेयरमैन का पदभार संभाल लिया है. 2012 में 48 साल के साइरस पल्लोनजी मिस्त्री को जब ग्रुप के चेयरमैन की कमान सौंपी गई, तब उनसे उम्मीद की गई कि वह समूह को रतन टाटा द्वारा पहुंचाई गई ऊंचाई से और आगे ले जाएंगे. लेकिन मिस्त्री से तमाम शिकायतों के बीच उन्हें हटाने का फैसला सोमवार को ले लिया गया. हालांकि 78 साल के चेयरमैन रतन टाटा सिर्फ 4 महीने के लिए ही अंतरिम चेयरमैन रहेंगे. स्टाफ़ को भेजे एक ख़त में रतन टाटा ने यह बात कही है. इन्हीं चार महीनों की मियाद के भीतर ग्रुप का चेयरमैन कौन होगा, इसका फैसला करने के लिए एक पांच सदस्यीय सर्च पैनल भी बना दिया गया है.
इस पांच सदस्यीय सर्च कमिटी का काम ग्रुप के नए चेयरमैन का चुनाव करना होगा. कमिटी को यह काम फरवरी 2017 से पहले पूरा करना होगा. इस सर्च कमेटी में रतन टाटा, वेणु श्रीनिवासन, अमित चंद्रा, रोनेन सेन और सुशांत कुमार भट्टाचार्य होंगे. ये सभी टाटा ग्रुप के बाहर और भीतर के विकल्पों को देखते हुए टाटा ग्रुप के अगले चेयरमैन का चुनाव करेंगे.
रतन टाटा- फिलहाल टाटा सन्स की अंतरिम चेयरमैन हैं. साल 1991 से लेकर 2012 तक वह टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे. वह टाटा की अन्य बड़ी कंपनियों जिनमें टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, होटल्स और टाटा टेलिसर्विसेस आती हैं, के चेयरमैन भी रहे. रतन टाटा के लंबे कार्यकाल में समूह की कंपनियों की बाजार हैसियत करीब 57 गुना बढ़ी थी.
वेणु श्रीनिवासन- टीवीएस ग्रुप के संस्थापक टीवी सुंदरम अय्यंगर के बेटे वेणु श्रीनिवासन सुंदरम-क्लेटन ग्रुप के चेयरमैन हैं. इस ग्रुप का ही हिस्सा है टीवीएस कंपनी. यह कंपनी भारत की तीसरी सबसे बड़ी टू वीलर निर्माता कंपनी है. 2010 में राष्ट्रपति द्वारा उन्हें ट्रेड और इंडस्ट्री के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण योगदान के लिए पद्म श्री अवॉर्ड से नवाजा गया था. वेणु टाटा सन्स के स्वंतत्र निदेशक हैं.
अमित चंद्रा- बेन कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित चंद्रा टाटा सन्स के स्वंतत्र निदेशक हैं. बेन कैपिटल उन्होंने 2008 के शुरुआती सालों में जॉइन की थी. बेन कैपिटल से पहले वह उन्होंने लंबा समय मेरिल लिंच में बिताया और 2007 में वह इससे बोर्ड मेंबर और एमडी के पद से रिटायर हुए. चंद्रा कई टाटा ट्रस्ट्स में ट्रस्टी हैं. वह जेनपैक्ट, एलऐंडटी फाइनेंस, टाटा इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन, गिव इंडिया के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के मेंबर भी हैं.
रोनन सेन- अमरीका में भारत के राजदूत रहे रोनन सेन 2015 में टाटा सन्स के स्वतंत्र निदेशक बने. सेन भारत के राजदूत 2004 से 2009 के बीच रहे. वह 1991 से लेकर 1992 तक मैक्सिको में भारत के राजदूत रहे. इसके अलावा रशिया फेडरेशन (1992-98) और रिपब्लिक ऑफ जर्मनी (1998-2002) में भी भारत के राजदूत रहे. वह उत्तरी आयरलैंडमें भारतीय राजदूत और यूके में हाई कमिशनर के तौर पर 2002 से 2004 के बीच रहे. 2010 से 2012 के बीच वह टाटा मोटर्स के स्वंतत्र निदेशक भी रहे.
लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य- भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रोफेसर लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य वारविक मैन्युफैक्चरिंग ग्रुप के संस्थापक हैं. वह यूनिवर्सिटी में वारविक मैन्युफैक्चरिंग ग्रुप (डब्ल्यूएमजी) के 35 वर्षों से चेयरमैन के रूप में जुड़े रहे हैं और उद्योग जगत को बहुमूल्य तकनीकी सहयोग देते रहे बताए जाते हैं. औद्योगिक निर्माण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य को प्रतिष्ठित रेजियस प्रोफेसरशिप से महारानी एलिजाबेथ (द्वितीय) ने सम्मानित किया था. वह इस समिति से बाहरी सदस्य के तौर पर जुड़े रहेंगे.