केंद्र सरकार ने दिल्ली की पूर्व केजरीवाल सरकार का फैसला पलट दिया है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ एफआईआर कर जांच का आदेश दिया गया था।
केंद्र सरकार ने दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो से वे अधिकार छीन लिए हैं, जिनसे केजी बेसिन गैस के मामले में दायर की गई एफआईआर के तहत जांच की जा सके।
यह एफआईआर तब कराई गई थी जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे। फरवरी में दर्ज की गई एफआईआर में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमेन मुकेश अंबानी के साथ पूर्व पेट्रोलियम मंत्री और कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली और मुरली देवड़ा के भी नाम थे।
रिलायंस ने इस एफआईआर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करते हुए दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकार को भी चुनौती दी थी। मुकेश अंबानी को राहत देने वाले नोटिफिकेशन की कॉपी एनडीटीवी इंडिया के पास भी मौजूद है, जिसमें जांच के सारे अधिकार दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो से वापस ले लिए गए हैं। नोटिफिकेशन के जरिये अब जांच का अधिकार सिर्फ दिल्ली सरकार के कर्मचारियों और भ्रष्टाचार के मामलों तक ही सीमित रहेगा।