दिल्ली की एक अदालत ने मोबाइल कंपनी माइक्रोमैक्स के प्रमोटर राजेश अग्रवाल तथा चार लोकसेवकों सहित छह अन्य को रिश्वत के एक मामले में गुरुवार को सात दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
माइक्रोमैक्स टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक और निदेशक अग्रवाल और उनके सहयोगी मनीष तुली को बुधवार को सीबीआई ने उस समय गिरफ्तार कर लिया था जब वे कथित रूप से एक अनधिकृत सम्पत्ति को नियमित कराने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को 30 लाख रुपये की रिश्वत दे रहे थे।
इन लोगों के साथ उत्तर दिल्ली नगर निगम के तीन अभियंताओं सतीश कुमार, नरेश कुमार और संजय कुमार, डीडीए में कनिष्ठ अभियंता राजेश गुप्ता और एक निजी व्यक्ति अशोक लांबा को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश पूनम बंबा ने यह कहते हुए सातों आरोपियों को 14 अगस्त तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया कि ‘‘सात दिन की पुलिस हिरासत की इजाजत दी जाती है।’’