सरकार ने रोजगार सृजन के लिए औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कम कर के ढांचे को बढ़ावा देने के साथ म्यूचुअल फंड उद्योग और कर दाताओं को कुछ राहत देने की घोषणा की।
लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ऐसा करने से एक ओर जहां औद्योगिक गतिविधियों का बढ़ावा मिलेगा, वहीं इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और सामाजिक कल्याण की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
जेटली ने कहा कि डेट म्यूचुअल फंड पर कर की दर अब 1 अप्रैल 2014 की बजाए 10 जुलाई 2014 से लागू होगी।
देर से रिटर्न दाखिल करने और प्रतिदिन के आधार पर जुर्माना भरने वाले कर दाताओं को कुछ राहत प्रदान करते हुए जेटली ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को इन मामलों में अपने विवेक पर फैसला लेने का अधिकार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जिनमें प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, उनमें निपटान आयोग की भूमिका को बढ़ा दिया गया है।
वित्त मंत्री ने चर्चा में भाग लेने वाले अपनी ही पार्टी के सदस्य निशिकांत दुबे के इस आशंका को निर्मूल बताया कि कालाधन के बारे में सरकार ने जो नीति अपनायी है उससे जिंदगी भर भी उसके लौटने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा, मैं उनकी दीर्घआयु की कामना करता हूं, लेकिन साथ ही उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि उन्हें बहुत लम्बे समय तक प्रतीक्षा (विदेशों से कालाधन लाने की) नहीं करनी पड़ेगी।