वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि आयकर कानून में पिछली तारीख से किए गए संशोधन में बेहद सावधानी बरती जाएगी।
लोकसभा में वित्त वर्ष 2014-15 का बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि आयकर कानून में 2012 में पिछली तिथि से किए गए संशोधन से जो भी नए मामले सामने आए हैं, उन्हें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की उच्च-स्तरीय समिति देखेगी।
हालांकि, उन्होंने कहा कि आयकर कानून, 1961 में पिछली तारीख से संशोधन की वजह से जो मौजूदा कर विवाद अदालतों में लंबित हैं, उन्हें अपने तार्किक अंजाम तक पहुंचने दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली तिथि से कानून बनाने के सरकार के अधिकार को लेकर सवाल नहीं उठाया जा सकता, लेकिन, इस अधिकार का इस्तेमाल बेहद सावधानी से किया जाना चाहिए। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रत्येक उपाय का अर्थव्यवस्था व कुल निवेश माहौल पर क्या प्रभाव होगा।
उन्होंने कहा कि वित्त विधेयक, 2012 के जरिये आयकर कानून, 1961 में पिछली तारीख से संशोधन से विभिन्न अदालतों व कानूनी मंच पर कई मामले आए हैं। ये मामले विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं और ये अपने अंजाम तक पहुंचेंगे।