किसी भी इलाक़े में ग्रोथ के साथ नया स्पेस बनता है जिसमें नई−नई चीज़ें अपनी जगह बनाने लगती हैं। कारों की दुनिया में भी हम ऐसा ही होता देखते हैं जहां पर बाज़ार और ग्राहकों की चाहत के साथ कंपनियों के प्रोडक्ट भी बढ़ते हैं। कई बार इस बीच के स्पेस में नए तरीक़े प्रोडक्ट भी आते हैं जिनमें क्रॉसओवर भी होते हैं।
क्रॉसओवर यानि वो गाड़ी जो दो अलग सेगमेंट के बीच की हो या दो सेगमेंट की ख़ूबियों को एक में समेटे हो। आजकल फिर वही दौर चल रहा है।
कार बाज़ार में जहां पर हम कई गाड़ियों को क्रॉस होते देख रहे हैं। पिछले हफ़्ते हमने एक क्रॉसओवर देखी थी फ़िएट की अवेंचुरा। जिसे फ़िएट ने उतारा है। क़ीमत थोड़ी ज़्यादा रखी है, लेकिन गाड़ी आकर्षक ज़रूर लग रही है।
जैसा कि आपको पता होगा कि इस सेगमेंट में केवल अवेंचुरा अकेली क्रॉसओवर नहीं है, उसके अलावा भी गाड़ियां हैं। जिसमें फ़ोक्सवागन की पोलो क्रॉस है और साथ में टोयोटा की इटीयोस क्रॉस भी है। हालांकि इनमें अवेंचुरा के मुक़ाबले तब्दीलियां कॉस्मेटिक ज़्यादा हैं। मेकैनिकल तरीके से बदलाव कम।
और अब एक और क्रॉसओवर का इंतज़ार हो रहा है जो मारुति की तरफ़ से आ रही है एस क्रॉस। अगर आप गाड़ियों की दुनिया पर लगातार नज़र रखते हैं, अगर आपको याद है पिछला ऑटो एक्स्पो तो फिर आपको याद होगी वो कार जिसे लेकर लोगों में काफ़ी उत्सुकता बनी। वह थी मारुति सुज़ुकी के स्टॉल पर लगी एस क्रास। यह एसएक्स-4 के हैचबैक अवतार का क्रॉसओवर वर्ज़न है।
इस कार को फ़िलहाल मारुति टेस्ट कर रही है और कब इसे बाज़ार में उतारा जाएगा, उसे लेकर कयास ही लगाए जा रहे हैं। इंजिन विकल्प हो सकता है, वही हों जो मौजूदा मारुति कारों में लगा हुआ है। 1.3 लीटर डीज़ल और 1.4 लीटर पेट्रोल इंजिन।
अब ये कार। हमारे लिए ये और भी दिलचस्प इसलिए हो जाती है क्योंकि भारत में एसएक्स-4 का हैचबैक अवतार आया नहीं था। ऐसे में कार का अब इंतज़ार भी हो रहा है वो भी छोटी एसयूवी वाले सेगमेंट में। इस कार को देखकर लोग इसे छोटी एसयूवी ही मान रहे थे जो इकोस्पोर्ट और डस्टर के टक्कर की हो सकती है।
हालांकि, इन छोटी एसयूवी से जिस गाड़ी को मारुति भिड़ाने वाली थी यानि XA−Alpha वो तो आ नहीं रही है फ़िलहाल हालांकि कंपनी अगले साल यानि 2015 के बीच में एक छोटी एसयूवी उतारने वाली है। लेकिन फ़िलहाल कई कार प्रेमियों से बात करके लगा कि वो तो मारुति की एस क्रास को भी उसी सेगमेंट के एक विकल्प के तौर पर मान सकते हैं। देखते हैं कंपनी क्या सोचती है। लेकिन ये तो तय है कि कंपनी को क़ीमत पर ज़्यादा ही काम करना होगा।
वैसे ये भी ग़ौर करने वाली बात है कि आमतौर पर उन गाड़ियों को तभी तक क्रॉसओवर कहते हैं जब तक वो सफल नहीं होते हैं। जो सफल होते हैं वो अपना अलग सेगमेंट बना लेते हैं। याद कीजिए बीएमडब्ल्यू की एक्स-1 को जो छोटी एसयूवी और कार की ख़ूबियों को मिलाकर बनाई एक क्रॉसओवर गाड़ी थी। लेकिन आज उसका अपना सेगमेंट है। वहीं टाटा की आरिया को देखें तो एसयूवी और एमयूवी की ख़ूबियों को मिलाकर बनाई गाड़ी को आज भी क्रॉसओवर की तरह ही याद करते हैं। तो इंतज़ार जारी है नए क्रॉसओवर का।