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मुश्किलों से जूझ रही विमानन कंपनी स्पाइसजेट के खिलाफ डीजीसीए का कड़ा रुख

नागर विमानन महानिदेशालय ने स्पाइसजेट के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उसकी उड़ानों के लिए 186 स्लॉट वापस ले लिए और उससे कहा कि वह अपने सभी कर्मचारियों को बकाया वेतन का भुगतान अगले 10 दिन में कर दे।
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NDTV Profit हिंदी01:51 PM IST, 06 Dec 2014NDTV Profit हिंदी
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नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उसकी उड़ानों के लिए 186 स्लॉट शुक्रवार को वापस ले लिए और उससे कहा कि वह अपने सभी कर्मचारियों को बकाया वेतन का भुगतान अगले 10 दिन में कर दे।

स्पाइसजेट की खराब होती हालत व कंपनी द्वारा बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द किए जाने से चिंतित महानिदेशालय ने यह कदम उठाया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीजीसीए प्रमुख प्रभात कुमार ने स्पाइसजेट की स्थिति की समीक्षा के बाद कई फैसले किए।

इनके तहत कंपनी से कहा गया है कि वह हवाई अड्डों व तेल कंपनियों सहित विभिन्न वेंडरों को 1500 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया का भुगतान 15 दिसंबर तक करे। सूत्रों के अनुसार कंपनी को निर्देश दिया गया है कि वह एक महीने के बाद की उड़ानों के लिए बुकिंग नहीं करे तथा रद्द उड़ानों के यात्रियों को बुकिंग राशि 30 दिन में लौटा दे।

डीजीसीए ने कंपनी के कम से कम 93 आगमन तथा 93 प्रस्थान स्लॉट वापस ले लिए हैं। कंपनी अक्टूबर में 232 उड़ानों का परिचालन कर रही थी, जबकि सितंबर में यह संख्या 339 थी। नियामक अब स्पाइसजेट की सभी उड़ानों के हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कड़ी निगरानी करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्तीय संकट के चलते सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो।

उल्लेखनीय है कि नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने गुरुवार को कहा था कि स्पाइसजेट 'हमारी धड़कनें बंद कर रही है'... राजू ने कहा था, हम संकट के दौर से गुजर रहे हैं...सार्वजनिक क्षेत्र ही नहीं, निजी क्षेत्र भी ध्वस्त हो रहा है। जहां तक विमानन कंपनियों को सवाल है, किंगफिशर के ढहने के बीच लगता है कि स्पाइसजेट भी हमारे दिल की धड़कनें बिठा रही है।

डीजीसीए ने कंपनी से कहा है कि वह अपने सभी कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान 15 दिसंबर तक करे। कंपनी से कहा गया है कि वह हर महीने 7 तारीख तक वेतन का भुगतान करे। बीते कुछ समय में कंपनी के 125 पायलट छोड़कर चले गए हैं। इसके मद्देनजर कंपनी से कहा गया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि उड़ान ड्यूटी की सीमा संबंधी नियमों का उल्लंघन नहीं हो।

इस बारे में कंपनी के अधिकारियों से तत्काल संपर्क नहीं किया जा सका। इससे पहले दिन में कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी संजीव कपूर ने ट्विटर पर एक पोस्ट में इन रिपोर्टों का खंडन किया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने कंपनी को 'कैश एंड कैरी' श्रेणी में डाल दिया है।

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