योजना आयोग की चली तो अब सरकार की ओर से दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं में प्राइवेट सेक्टर का बड़ा रोल हो जाएगा।
12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत यह फैसला लिया गया है कि प्राथमिक सुविधाओं में प्राइवेट सेक्टर का रोल बढ़ाया जाए। यानी गरीबो को दी जाने वाली सरकारी बीमा जैसे सुविधाओं का फायदा लेने के लिए उन्हें निजी अस्पताल में जाना होगा। इसके लागू होने से प्राइवेट अस्पतालों को फायदा होगा।
इधर, स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने योजना आयोग के इस फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है। स्वास्थ्य मंत्री ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह को चिट्ठी लिखकर कहा है कि स्वास्थ्य सुविधाओं का निजीकरण नहीं होना चाहिए।