देश की आर्थिक गतिविधियों में काले धन के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के अपने प्रयासों के तहत आयकर विभाग व्यावसाय से जुड़ी खुफिया जानकारी और लेनदेन संबंधी आंकड़ों का एक नया संग्रह केंद्र बनाने जा रहा है।
इससे आयकर विभाग को व्यक्तियों व फर्मों के खर्च पर निगरानी रखने में मदद मिलेगी। आयकर विभाग के पास किसी व्यक्ति विशेष के लेनदेन पर निगरानी के लिए पैन कार्ड सूचना या डेबिट-क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर आधारित सूचनाओं का डेटाबेस पहले से ही है।
विभाग ने अपनी नई परियोजना को 'डेटा वेयरहाउसिंग एंड बिजनेस इंटेलीजेंस' (डीडब्ल्यूबीआई) नाम दिया है। इसके अगले साल तक परिचालन में आने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि इस अत्याधुनिक व शक्तिशाली डेटाबेस सहित कई अन्य अनूठे जांच उपकरणों को अमली जामा पहनाने के प्रस्ताव को आयकर विभाग व केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के आला अफसरों ने हाल ही में मंजूरी दी। यह मंजूरी यहां आयोजित आयकर विभाग के मुख्य आयुक्तों व महानिदेशकों के सालाना सम्मेलन में दी गई।
आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, विभाग अब इस संग्रह केंद्र अथवा भंडागृह के लिए उत्तर भारत में जगह तलाश रहा है। नए डेटाबेस में सभी तरह की इलेक्ट्रॉनिक व अन्य खुफिया तथा अन्य सूचनाओं का संग्रह होगा।
उन्होंने कहा कि डीडब्ल्यूबीआई परियोजना का खाका सीबीडीटी ने तैयार किया है। उन्होंने कहा कि नए वेयरहाउस में पैन कार्ड सूचना, कर रिटर्न सहित अन्य बैंकिंग योजनाएं हैं। इसके साथ ही यह इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी से भी सूचनाएं जुटाने में सक्षम होगा।