पूंजी की कमी का सामना कर रही निजी बीमा क्षेत्र को राहत देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 26 प्रतिशत बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया।
जेटली ने 2014-15 का बजट पेश करते हुए कहा, बीमा क्षेत्र में निवेश की कमी है। बीमा क्षेत्र के कई खंडों में विस्तार की जरूरत है। बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सम्मिलित सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया जाता है।
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि विदेशी निवेश की सीमा बढ़ने के बावजूद निजी बीमा कंपनियों का प्रबंधकीय नियंत्रण भारतीय हाथों में ही रहेगा और निवेश के प्रस्तावों पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी लेनी होगी। इस पहल से बीमा कंपनियों को विदेशी भागीदारों से बहु-प्रतीक्षित पूंजी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
एफडीआई की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव 2008 से लंबित है, जबकि पिछली संप्रग सरकार बीमा संयुक्त उद्यमों में विदेशी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए बीमा कानून (संशोधन विधेयक) लेकर आई थी। उन्होंने कहा कि सरकार जल्दी ही इस संबंध में विधेयक को आगे बढ़ाएगी।
रक्षा क्षेत्र के संबंध में जेटली ने कहा कि विदेशी मुद्रा के मामले में सम्मिलित सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत की जा रही है, जो पूर्ण भारतीय प्रबंधन और एफआईपीबी के की स्वीकृति की शर्तों के अधीन होगी।