ADVERTISEMENT

रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने, रेलवे में विदेशी निवेश खोलने को मंजूरी

सरकार ने आर्थिक सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने और रेलवे के हाई-स्पीड ट्रेन जैसे ढांचागत क्षेत्र में विदेशी निवेश खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी08:45 AM IST, 07 Aug 2014NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

सरकार ने आर्थिक सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने और रेलवे के हाई-स्पीड ट्रेन जैसे ढांचागत क्षेत्र में विदेशी निवेश खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसले किए गए। बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने को मंजूरी देने के करीब दो सप्ताह बाद मंत्रिमंडल ने ये फैसले किए।

रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव लंबे समय से लटका पड़ा था। संवेदनशील माने जाने वाले रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को मौजूदा 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है। इसमें शर्त रखी गई है कि रक्षा क्षेत्र में बनने वाले संयुक्त उद्यमों का नियंत्रण भारतीय हाथों में होगा। सरकार की इस पहल का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना है।

देश में 70 प्रतिशत सैनिक साजो-सामान का आयात किया जाता है। रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव लंबे समय से लटका पड़ा है। पिछले यूपीए सरकार में सबसे पहले वाणिज्य मंत्रालय ने यह प्रस्ताव किया था, लेकिन तत्लीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इसे रोक दिया था।

मौजूदा एनडीए सरकार का कहना है कि रक्षा क्षेत्र में घरेलू उद्योगों का आधार व्यापक बनाने और उनके विस्तार के लिए इस क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने की जरूरत है।

मंत्रिमंडल ने नकदी की तंगी से जूझ रहे रेलवे के कुछ क्षेत्रों को भी विदेशी निवेश के लिए खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। हाई स्पीड रेल प्रणाली, उपनगरीय गलियारों और सार्वजनिक एवं निजी परियोजना (पीपीपी) के तहत क्रियान्वित की जाने वाली समर्पित माल परिवहन लाइन परियोजनाओं जैसे क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

रेलवे के इन क्षेत्रों में एफडीआई आने और उदारीकरण आगे बढ़ने से रेलवे परियोजनाओं के आधुनिकीकरण और विस्तार में मदद मिलेगी। एक अनुमान के अनुसार इस क्षेत्र में 29,000 करोड़ रुपये की नकदी की तंगी है और एफडीआई मंजूरी से रेलवे को यह संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी। त्वरित परिवहन प्रणाली को छोड़कर रेलवे में इस समय किसी भी तरह के एफडीआई पर रोक है। रेलवे में एफडीआई के फैसले से उसके ढांचागत और औद्योगिक लिहाज से विकास में मदद मिलेगी।

रेलवे में एफडीआई मंजूरी से प्रस्तावित मुंबई--अहमदाबाद हाई स्पीड रेल गलियारे की परियोजना में तेजी आएगी। माल परिवहन के लिए विशेष रेल गलियारे को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, रेलवे संचालन और सुरक्षा के क्षेत्र में एफडीआई की मंजूरी नहीं दी गई है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014-15 के बजट भाषण में रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने की घोषणा की थी। रेल मंत्री सदानंद गोड़ा ने नकदी संकट से जूझ रहे रेलवे के कुछ क्षेत्रों में भी एफडीआई खोलने की घोषणा की थी। मंत्रिमंडल की बैठक में बजट में की गई इन्हीं घोषणाओं को मंजूरी दी गई।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT