केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सात प्रतिशत बढ़ा दिया तथा सशस्त्र सेना कर्मियों के लिए पेंशन से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।
कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ाकर मूल वेतन का 72 प्रतिशत किया गया है। सरकारी बयान में कहा गया है कि महंगाई भत्ते में यह वृद्धि एक जुलाई 2012 से प्रभावी होगी। कर्मचारियों को इस तारीख से बकाये का भुगतान किया जाएगा।
सरकारी बयान में कहा गया है, 'महंगाई भत्ते तथा महंगाई राहत (पैंशनभोगियों के लिए) से सरकारी खजाने पर 7,408.24 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में इससे सरकार पर 4,938.78 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।’
इस आशय के फैसले को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इससे केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारी तथा 30 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। बयान में कहा गया है कि महंगाई भत्ते में यह वृद्धि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से की गई है।
सरकार ने हाल ही में डीजल के दाम पांच रुपये प्रति लीटर बढ़ाए थे जबकि खुदरा मुद्रास्फीति बढकर दहाई अंक पर पहुंच गई है।
इसके साथ ही, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सशस्त्र सेनाओं के पेंशनभोगियों से जुड़े चार प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इससे सरकारी खजाने पर सालाना 2300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जनवरी 2006 से पहले सेवानिवृत्ति होने वाले सैन्यकर्मियों को अब उन सैन्यकर्मियों के लगभग समान ही पेंशन मिलेगी जो इसके बाद सेवानिवृत्त हुए।
एक अन्य सरकारी बयान के अनुसार इससे रक्षा पेंशनरों की 'एक रैंक-एक पैंशन' की मांग मोटे तौर पर पूरी हो गई।