केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि कोयला खान आवंटन घोटाले की उसकी जांच में 'उल्लेखनीय प्रगति' हुई है और वह तीन हफ्ते में छह मामलों में आरोप पत्र दाखिल करने को तैयार है।
न्यायाधीश आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सीबीआई का यह बयान भी दर्ज किया कि वह सभी शुरुआती जांच (पीई) तथा नियमित मामलों में जांच अप्रैल के आखिर तक पूरी कर लेगी।
सीबीआई की ओर से अदालत में अमरेंद्र शरण तथा अमित आनंद तिवारी उपस्थिति हुए। वकीलों ने कहा कि एजेंसी द्वारा दर्ज किए गए छह नियमित मामलों में 'जांच पूरी हो चुकी है और तीन सप्ताह में अंतिम रपट' आरोपपत्र उचित अदालत के समक्ष पेश किए जाएंगे। न्यायालय ने सीबीआई को एक महत्वपूर्ण निर्देश यह दिया कि वह राज्य के स्वामित्व वाली पीएसयू के खिलाफ अपनी जांच में राज्य सरकार की मंजूरी तथा सहमति के बिना भी कार्रवाई कर सकती है। खंडपीठ ने इस बारे में छत्तीसगढ़ तथा ओड़िशा द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया।
न्यायालय ने केंद्रीय सतर्कता आयोग कानून की धारा 8 तथा डीएसपीई कानून की धारा 4 के बारे में केंद्रीय सतर्कता आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।