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जीएसटी बिल की राह हुई आसान, केंद्र और राज्यों के बीच अहम मुद्दों पर सहमति बनी

लंबे समय से अटके पड़े वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पर केंद्र और राज्यों के बीच मंगलवार को महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात आगे बढ़ी।
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NDTV Profit हिंदी11:01 PM IST, 26 Jul 2016NDTV Profit हिंदी
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लंबे समय से अटके पड़े वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पर केंद्र और राज्यों के बीच मंगलवार को महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात आगे बढ़ी। दोनों पक्षों में इस सिद्धांत पर सहमति बनी है कि जीएसटी दर मौजूदा स्तर से कम रहनी चाहिए। मोटे तौर पर यह सहमति भी उभरी है कि जीएसटी दर का उल्लेख संविधान संशोधन विधेयक में नहीं किया जाएगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली के आह्वान पर बुलाई गई राज्यों के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति की बैठक में यह सहमति बनी। इस बात पर भी सहमति बनी है कि जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व नुकसान होने की स्थिति में उसकी भरपाई की प्रणाली की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि जीएसटी के लागू होने पर केंद्र और राज्यों में लगने वाले अप्रत्यक्ष करों को इसमें समाहित कर लिया जाएगा।

राज्यों के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति के चेयरमैन और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बैठक के बाद कहा कि इस बारे में व्यापक सहमति बनी है कि साधारण व्यवसायी और आम करदाता को जीएसटी की शुरुआत से फायदा होना चाहिए और इसके लिए कर की दर कम रहनी चाहिए। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि राज्यों को इससे राजस्व का नुकसान नहीं होना चाहिए।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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