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त्योहारों पर तोहफा : कार और टीवी वगैरह खरीदने के लिए सस्ता लोन देंगे बैंक

सरकार ने त्योहारों से पहले मांग बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको को बजट के प्रस्ताव की तुलना और ज्यादा पूंजी देने का फैसला किया है ताकि वे ग्राहकों को दोपहिया, कार, टीवी, फ्रिज आदि सामान खरीदने के लिए सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध करा सकें।
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NDTV Profit हिंदी12:53 PM IST, 04 Oct 2013NDTV Profit हिंदी
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सरकार ने त्योहारों से पहले मांग बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको को बजट के प्रस्ताव की तुलना और ज्यादा पूंजी देने का फैसला किया है ताकि वे ग्राहकों को दोपहिया, कार, टीवी, फ्रिज आदि सामान खरीदने के लिए सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध करा सकें।
वित्तमंत्री पी चिदंबरम, रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम के बीच आज यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, इस राशि को काफी बढ़ाया जाएगा। बैंक उपभोक्ताओं को दोपहिया वाहन, कार तथा दूसरे टिकाउ उपभोक्ता सामानों की खरीदारी के लिए सस्ती दरों पर अधिक कर्ज दे सकें। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी।

सरकार ने इस साल के बजट में बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डालने के लिए 14,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार ने इसके अलावा और पूंजी बैंकों को उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

वित्त मंत्रालय का कहना है कि इससे आर्थिक सुस्ती को दूर करने और औद्योगिक मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे एक तरफ जहां मध्यम श्रेणी के उपभोक्ताओं को जहां काफी राहत मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ इससे उद्योगों में उत्पादन क्षमता और रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में टिकाउ उपभोक्ता सामान उद्योग का उत्पादन 9.3 प्रतिशत घटा जबकि साल भर पहले 0.8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। अप्रैल से जुलाई की अवधि में क्षेत्र में 12 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि इससे पिछले वर्ष इसी अवधि में क्षेत्र में 6.1 प्रतिशत वृद्धि रही थी।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त की अवधि में दोपहिया वाहनों की मांग मात्र 0.72 प्रतिशत बढ़ी है जबकि पिछले साल इस अवधि में इनकी मांग 6.8 प्रतिशत बढ़ी थी।

वित्त मंत्री, आर्थिक मामलों के सचिव और रिजर्व बैंक गवर्नर के बीच करीब एक घंटे चली बैठक में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में ऋण वृद्धि की स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया।

सरकार बजट में तय पूंजी के अतिरिक्त बैंकों को कितना धन देगी, हालांकि, इसके बारे में सरकारी वक्तव्य में कुछ नहीं कहा गया है।

वक्तव्य के अनुसार, सितंबर 2013 के अंत में साल दर साल आधार पर बैंकों की कुल ऋण वृद्धि 18 प्रतिशत रही है। कुछ क्षेत्रों में हालांकि, मांग वृद्धि धीमी रही, जिससे यह निष्कर्ष निकला है कि इस क्षेत्र में मांग धीमी है। बैंकों को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराने का यह निर्णय रिजर्व बैंक की रायपुर में होने वाले केन्द्रीय निदेशक मंडल की बैठक से पहले लिया गया है। इस बैठक में मायाराम के अलावा वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव टकरू भी भाग लेंगे।

रिजर्व बैंक निदेशक मंडल की बैठक प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक बार होती है। रिजर्व बैंक रिण एवं मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा 29 अक्तूबर को पेश करेगा।

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