भूषण स्टील तथा टीवी 18 ब्रॉडकास्ट लि. समेत 40 से अधिक कंपनियां अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) तथा राइट्स इश्यू के लिये बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही हैं।
छह कंपनियों जैन इंफ्राप्रोजेक्ट्स, शिरडी इंडस्ट्रीज, एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्यूनिप एग्रो, पालको रिसाइकिल इंडस्ट्रीज तथा स्प्लैश मीडिया एंड इंफ्रा का आईपीओ से जुड़ा दस्तावेज 2010 से भारतीय प्रतिभूति एवं बाजार नियामक (सेबी) के समक्ष लंबित है।
सेबी के पास उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार 33 फर्मों के आईपीओ के मसौदा दस्तावेज तथा 11 इकाइयों के राइट्स इश्यू के लिये दस्तावेज शुरुआती प्रक्रिया में हैं। ये आंकड़े सितंबर 2009 से लेकर इस वर्ष 3 अगस्त तक के हैं।
पिछले महीने ही तीन कंपनियों बजाज फिनसर्व लि., सिटी यूनियन बैंक तथा रिलायंस मीडियावर्क लि. ने राइट्स इश्यू के लिये दस्तावेज जमा किये। इसके अलावा वी-मार्ट रिटेल लिमिटेड ने आईपीओ के लिये 23 जुलाई को मसौदा दस्तावेज जमा किये।
बाजार नियामक को इस वर्ष अब तक 10 आईपीओ के लिये मसौदा दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। नियमों के तहत सेबी अपने पास जमा मसौदा दस्तावेज पर जमा तारीख से 30 दिन के भीतर अपनी राय देता है।
कुछ मामलों में बाजार नियामक द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने की स्थिति में लीड मर्चेन्ट बैंकरों से संतोषजनक जवाब मिलने के बाद ही सेबी राय जारी करता है। जिन अन्य कंपनियों को अपने आईपीओ के लिये सेबी की मंजूरी का इंतजार है, उनमें जावेद हबीब हेयर एंड ब्यूटी, अंबुजा इंटरमीडिएट्स, रेपको होम फाइनेंस, क्रेडिट एनालिसिस रिसर्च, बोहरा इंडस्ट्रीज, एंडवांटा इंडिया तथा तारा ज्वैल्स शामिल हैं।
सेबी के अनुसार मुकेश उद्योग लि. का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम :एफपीओ: के लिये दस्तावेज 2011 की शुरुआत से ही लंबित है। बाजार में नरमी के कारण इस वर्ष के पहले छह महीने (जनवरी-जून) में आईपीओ के जरिये जुटायी गयी राशि में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 60 प्रतिशत तक की कमी आयी है।
जून, 2012 को समाप्त छह महीने में भारतीय कंपनियों ने केवल 1,264 करोड़ रुपये जुटाये, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 3,392 करोड़ रुपये जुटाये गये थे। इस साल जो बड़े निर्गम आये, उनमें एमसीएक्स का 663 करोड़ रुपये का आईपीओ शामिल हैं। इसके अलावा त्रिभुवनदास भीमजी जावेरी तथा स्पेशियलिटी रेस्तरां ने क्रमश: 200 करोड़ रुपये तथा 176 करोड़ रुपये जुटाये।