सरकार ने कहा है कि कमजोर मॉनसूनी बारिश के बावजूद इस साल देश का खाद्यान्न उत्पादन 2009 (सूखा वर्ष) के मुकाबले बेहतर रहने की संभावना है। एक जून से एक अगस्त के बीच मॉनसूनी बारिश में 15 प्रतिशत की कमी रही है और कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात तथा महाराष्ट्र जैसे राज्य सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
कृषि और संसदीय कार्य राज्यमंत्री हरीश रावत ने सरकारी उपक्रम राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि कमजोर मॉनसून के बावजूद कुल खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2009 के मुकाबले बेहतर होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कुल खाद्यान्न (चावल, गेहूं, मोटे अनाज और दलहनों) का उत्पादन 2009 के मुकाबले अधिक रहने की संभावना है, क्योंकि सूखा प्रभावित क्षेत्रों की संख्या इस बार कम है और केंद्र भी सूखे की स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख खरीफ फसल धान के उत्पादन पर कोई अधिक प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 320 जिलों के लिए तैयार की गई आपात योजना को लागू किया जा रहा है। 2009 में देश के 338 जिलों में गंभीर सूखा पड़ा था, जिससे 2009-10 के फसल वर्ष (जुलाई से जून) में खाद्यान्न (चावल, गेहूं, मोटे अनाज और दलहनों) का उत्पादन 1.6 करोड़ टन घटकर 21 करोड़ 81.1 लाख टन रह गया था।