एक रपट के अनुसार अगले पांच साल यानि 2017 तक देश में 84 हजार भारतीय करोड़पति बन जाएंगे।
क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट की ग्लोबल वेल्थ रपट में यह अनुमान लगाया गया है। इसके अनुसार, भारत में करोड़पतियों की संख्या 2017 तक 53 प्रतिशत बढ़कर 84 हजार होने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि अगले कुछ वर्षों में उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं में करोड़पतियों की संख्या में अच्छी खासी वृद्धि होगी।
चीन में यह संख्या 2017 तक दोगुनी होकर लगभग 20 लाख होने का अनुमान है। भारत के बारे में रपट में कहा गया है, संपत्ति बहुत तेजी से बढ़ रही है और मध्यम वर्ग तथा धनवानों की श्रेणी भी बढ़ी है, इस वृद्धि में सभी का हिस्सा नहीं है और वहां अब भी बड़ी गरीबी है। इसके अनुसार तथ्य यही है कि भारत में आमतौर पर हर किसी की संपत्ति 10 हजार डॉलर से कम है। वहीं जनसंख्या के एक मामूली हिस्से (सिर्फ 0.3 प्रतिशत) की निवल संपत्ति एक लाख डॉलर से भी अधिक है।
रपट में कहा गया है कि दुनिया में सबसे अधिक संपत्तिवान एक प्रतिशत लोगों में से 2,37,000 सदस्य भारत से हैं। वहां 1500 व्यक्तियों की संपत्ति पांच करोड़ डॉलर से अधिक तथा 700 की संपत्ति दस करोड़ डॉलर से अधिक है। इसमें कहा गया है कि वृद्धि दर में नरमी के कारण मध्य 2011 से मध्य 2012 के दौरान भारत की पारिवारिक संपत्ति में 700 अरब डॉलर की कमी आई।
सर्वेक्षण के अनुसार वैश्विक स्तर पर पारिवारिक संपत्ति अगले पांच साल में 50 प्रतिशत बढ़कर 3,30,000 अरब डॉलर हो जाएगी। इसमें कहा गया है कि 2011 मध्य तथा 2012 मध्य के दौरान भले ही पारिवारिक संपत्ति में कमी आई हो लेकिन अगले पांच साल में इसमें बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
इसके अनुसार 2011 मध्य से 2012 मध्य के दौरान वैश्विक पारिवारिक संपत्ति में 5.2 प्रतिशत की गिरावट आई और मौजूदा डॉलर मूल्य के हिसाब से यह 2,23,000 अरब डॉलर हो गई।