देश के औद्योगिक उत्पादन में जनवरी 2016 में भी 1.53 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। दिसंबर 2015 में इसमें 1.18 फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी। यह जानकारी शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़े से मिली।
लगातार तीसरे माह में गिरावट दर्ज
जनवरी 2015 में औद्योगिक उत्पादन 2.8 फीसदी बढ़ा था। जनवरी में औद्योगिक उत्पादन में लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है और इसमें प्रमुख योगदान विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन का रहा है। गिरावट को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक से मुख्य ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़े के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी वर्ष के प्रथम 10 महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में हालांकि 2.7 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। यह दर एक साल पहले की समान अवधि में 2.6 फीसदी थी। आधिकारिक बयान में कहा गया है, "जनवरी, 2016 के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक की रीडिंग 186.3 पर है, जो जनवरी 2015 के मुकाबले 1.5 फीसदी नीचे है।"
बिजली उत्पादन 6.6 प्रतिशत बढ़ा
जनवरी के सूचकांक में गिरावट में प्रमुख योगदान विनिर्माण क्षेत्र की गिरावट का रहा। जनवरी 2016 में साल-दर-साल आधार पर विनिर्माण उत्पादन 2.8 फीसदी कम रहा, जबकि बिजली उत्पादन 6.6 फीसदी बढ़ा और खनन उत्पादन 1.2 फीसदी बढ़ा। केबल, इंसुलेटेड रबर, एंटीबायोटिक्स, स्टेनलेस और अलॉय स्टील, स्पंज आयरन और यात्री कारों ने औद्योगिक उत्पादन में गिरावट में प्रमुख भूमिका निभाई।
उत्पादन में वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में प्रमुख रहे बिजली, वाणिज्यिक वाहन, मोबाइल फोन, सीमेंट और रत्न-आभूषण उद्योग। बयान के मुताबिक, "विनिर्माण क्षेत्र के 22 समूहों में से 10 में जनवरी 2016 में गिरावट दर्ज की गई।"
विकास अनिश्चित, अर्थव्यवस्था होगी प्रभावित
आंकड़े पर प्रतिक्रिया देते हुए फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के महासचिव ए दीदार सिंह ने कहा, "गत तीन महीने से विनिर्माण सूचकांक में गिरावट को देखते हुए इस क्षेत्र में विकास की स्थिति अनिश्चित है। इस क्षेत्र में विकास में हो रही देरी से समग्र अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।" उन्होंने कहा, "बजट में कर संबंधी मुद्दों का समाधान करने की कोशिश की गई है और हमारा अनुमान है कि उसका सकारात्मक परिणाम मिलेगा, लेकिन हमें रिजर्व बैंक की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में और कटौती की उम्मीद है। इससे मांग और निवेश दोनों बढ़ सकता है।"
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)