हाल की पनडुब्बी दुर्घटना के संदर्भ में वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने आज राय जाहिर की कि रक्षा मंत्रालय पर्याप्त 'समझदारी' के साथ धन नहीं खर्च कर रहा है और सेना की सम्पत्तियों के रख रखाव की उपेक्षा की जा रही है।
उन्होंने जोर दिया कि वित्त मंत्रालय रक्षा मंत्रालय को 'काफी धन' उपलब्ध कराता है और 'मैं उम्मीद करता हूं कि रक्षा बल इससे सबक सीखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें जो धन आबंटित किया गया है, उसे आवश्यक मामलों पर और समझदारी के साथ खर्च किया जाय।'
चिदंबरम कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई की एक सदस्या द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। एनएसयूआई की इस सदस्या ने दावा किया था कि वह उस दुर्घटना में मृत एक नौसैनिक अधिकारी की बहन है।
एनएसयूआई द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उस महिला ने कहा कि आईएनएस सिंधुरत्न दुर्घटना में मारे गए लेफ्टिनेंट कमांडर कपीश मुवाल उनके भाई थे। उसने चिदंबरम से पूछा, 'सरकार सुरक्षा के लिए धन मंजूर क्यों नहीं कर रही है क्योंकि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।'
उसने कुछ महीने पहले आईएनएस सिंधुरक्षक पनडुब्बी डूबने की घटना का भी हवाला दिया और कहा कि पोतों को ठीक करने के लिए भेजा जा रहा है क्योंकि रक्षा बलों के पास धन की कमी है।
इस पर चिदंबरम ने कहा, 'जहां तक रक्षा खर्च का संबंध है, मुझे लगता है कि यह कहना सही नहीं होगा कि पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। 'पर्याप्त' जैसी कोई चीज नहीं होती।'
उन्होंने कहा कि सरकार की जरूरतें बहुत अधिक हैं और वित्त मंत्रालय को विभिन्न विभागों व उद्देश्यों के लिए धन की जरूरत होती है। 'और रक्षा क्षेत्र के लिए हमने जितना अधिक हो सकता था, उतना धन उपलब्ध कराया है।'
चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने रक्षा के लिए 2.25 लाख करोड़ रपये आबंटित किया है ‘‘जो बहुत धन होता है।’’ उन्होंने कहा, 'रक्षा क्षेत्र को 2.25 लाख करोड़ रपये आबंटित किए गए हैं। इसे कैसे खर्च किया जाता है, इसे रखरखाव पर खर्च किया जाए, नए उपकरणों की खरीद पर खर्च किया जाए। यह वायुसेना, नौसेना या थल सेना पर खर्च हो, प्रशिक्षण पर खर्च हो नई बटालियन की स्थापना पर खर्च हो। इन सवालों पर निर्णय थलसेना, नौसेना एवं वायुसेना के अति वरिष्ठ अधिकारी निर्णय करते हैं।'
आईएनएस सिंधुरत्न की घटना पर उन्होंने कहा, 'मुझे इसका बेहद अफसोस है और यह पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं।' पिछले सप्ताह इस घटना में दो अधिकारी मारे गए।
चिदंबरम ने 'कभी कभी ऐसा लगता है कि पनडुब्बियों की मरम्मत की जरूरत की उपेक्षा की गयी। केवल जांच से ही तथ्य का पता लगेगा, लेकिन जो रिपोर्ट मैंने पढ़ी है, उससे पता चलता है कि मरम्मत को नजरअंदाज किया गया। ऐसा लगता है कि बैटरियों में कुछ दिक्कतें आई थीं जिससे पनडुब्बी में आग लगी।'
यद्यपि चिदंबरम ने इस बात पर जोर दिया है कि रक्षा बलों को काफी धन उपलब्ध कराया जाता है, रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए आधुनिकीकरण के वास्ते अपने बजटीय आबंटन में 7,800 करोड़ रुपये से अधिक की कटौती की है।
पिछले साल भी, रक्षा मंत्रालय को देश में आर्थिक नरमी के चलते बजट में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की कटौती का सामना करना पड़ा था।