सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर आठ प्रतिशत करने के अगले ही दिन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने आज बैंकों से कहा कि वह ग्राहकों को इस कीमती धातु में निवेश नहीं करने की सलाह दें। उन्होंने कहा कि सोने का बढ़ता आयात अधिक समय तक संभालना मुश्किल है।
यहां भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा, सोने के प्रति बढ़ते आकर्षण को हतोत्साहित करने में बैंकों की भूमिका अहम् हो सकती है। मैं सभी बैंकों से आग्रह करता हूं कि वे अपनी सभी शाखाओं को सलाह दे कि उन्हें ग्राहकों को सोना खरीदने अथवा उसमें निवेश के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए।
चिदंबरम ने कहा कि रिजर्व बैंक पहले ही बैंकों को यह सलाह दे चुका है कि बैंक सोने के सिक्के नहीं बेचेंगे। मुझे उम्मीद है कि जरूर एक समय आएगा जब हम सोने को भी दूसरी धातुओं की तरह देखेंगे और समझेंगे कि यह ऐसी धातु है जो तांबे या पीतल के मुकाबले केवल थोड़ी ज्यादा चमक रखती है।
चालू खाते के घाटे (सीएडी) पर लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए सरकार ने सोने के आयात पर शुल्क दो प्रतिशत बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दिया। छह महीने के भीतर सोने के आयात शुल्क में यह दूसरी बार वृद्धि की गई हे। इससे पहले सरकार ने जनवरी में इसे चार से बढ़ाकर छह प्रतिशत किया था चालू खाते के बढ़ते घाटे पर चिंता व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने कहा, सीएडी में सोने के आयात का प्रमुख योगदान रहा है। सोने के दाम में गिरावट से लाखों लोगों को खुशी हुई। शायद मैं इन लाखों में नहीं था। मैंने रिजर्व बैंक गवर्नर से कहा अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम में गिरावट भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। हमारा डर सही निकला।