रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने सूक्ष्म वित्त कंपनियों से अपने कारोबार को स्थायित्व देने के लिए सिर्फ 'उचित लाभ' कमाने को कहा है। उन्होंने कहा कि गरीब से गरीब लोगों को सेवा देते वक्त किसी को उनके जरिए लाभ कमाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
उनका यह बयान प्रबंधन गुरु स्वर्गीय सीके प्रह्लाद के पुस्तक 'द फॉर्च्यून एट दा बॉटम आफ द पिरामिड' में लिखे गए विचारों से पूरी तरह उलट है। बिल्कुल निचले स्तर से भविष्य की अवधारणा प्रह्लाद व स्टुअर्ट एल हार्ट द्वारा 2004 में बिजनेस जर्नल 'स्ट्रैटिजी प्लस बिजनेस' में प्रकाशित लेख में आया।
राजन ने हाल में एक सूक्ष्म वित्त कार्यक्रम में कहा, 'मुझे लगता है कि प्रह्लाद ने पिरामिड के निचले स्तर से भविष्य संवारने की बात कहकर सेवा नहीं की है।'
उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि अच्छे जमीर के साथ आप गरीबों से लाभ कमाने की नहीं सोच सकते। उचित लाभ कमाएं। लेकिन अगर आप भविष्य संवारने में जुटेंगे तो समाज से यह सवाल उठेगा कि कैसे इसे बनाया जा रहा है।'