सरकार का मानना है कि लगातार दो महीने से गिरावट दर्ज कर रहा निर्यात कारोबार सितंबर के बाद से पटरी पर लौट आएगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, हम हालात पर गंभीरता से ध्यान रखे हुए हैं। मेरी राय में जो कदम उठाए गए हैं और जो घोषणाएं की गई हैं, उनसे निर्यात नए सिरे से बढ़ेगा और सितंबर के आसपास फिर वृद्धि की राह पर लौट आएगा।
शर्मा 'इंडिया शो एवं सीईओ फोरम' में भाग लेने के लिए तीन दिन की यात्रा पर श्रीलंका में हैं। पश्चिम बाजारों में नरमी के चलते भारत की निर्यात वृद्धि जून में 5.45 प्रतिशत घटकर 25 अरब डॉलर रह गया। घरेलू अर्थव्यवस्था में कमजोर गतिविधियों को परिलक्षित करता हुआ आलोच्य महीने में आयात भी 13.46 प्रतिशत घटकर 35.37 अरब डॉलर रह गया। इसके परिणामस्वरुप व्यापार घाटा सिकुड़ कर 10.3 अरब डॉलर रह गया।
देश का निर्यात कारोबार घटने का यह दौर ऐसे समय आया है, जब 2011-12 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई और यह नौ साल के न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई। वित्तवर्ष के शुरुआती दो महीनों के दौरान औद्योगिक उत्पादन वृद्धि भी धीमी रही है।
शर्मा ने कहा, हमारे परंपरागत निर्यात बाजारों में मांग कमजोर पड़ी है, यूरोपीय संघ के बाजारों में सुधार अस्थिर है, फिलहाल हम जैसे-तैसे यदि निर्यात बाजार में टिके हैं, तो वह केवल बाजार के विविधीकरण की वजह से ही हो पाया है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से जून 2012-13 अवधि में निर्यात कारोबार 1.7 प्रतिशत घटकर 75.2 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 76.5 अरब डॉलर रहा था। इस दौरान अयात कारोबार 6.10 प्रतिशत घटकर 115.25 अरब डॉलर रह गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 122.74 अरब डॉलर रहा था।