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शेयर बाजार में फेड पर रहेगी नजर

देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर अमेरिका के फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले पर टिकी रहेगी।
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NDTV Profit हिंदी07:16 PM IST, 15 Sep 2013NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर अमेरिका के फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले पर टिकी रहेगी।

अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व अहम फैसला करने वाला है, जिसकी आशंका से पिछले कुछ महीने से शेयर बाजार में व्यापार स्तर पर गिरावट देखी जा रही है। फेडरल रिजर्व की 17 और 18 सितंबर को बैठक होने वाली है, जिसमें हर माह 85 अरब डॉलर मूल्य के बांडों की खरीदारी की कटौती के बारे में फैसला किया जाएगा।

कटौती के फैसले से अमेरिकी बाजार में डॉलर की आपूर्ति घटेगी और इसके कारण विदेशी संस्थागत उभरते बाजारों में बिकवाली कर डॉलर पूंजी खींच सकते हैं। इससे शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट की शुरुआत हो सकती है। उधर 18 सितंबर को बैंक ऑफ इंग्लैंड भी अपनी बैठक में हुई चर्चा की रिपोर्ट जारी करेगा, जिससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर सम्यक रोशनी पड़ेगी।

घरेलू स्तर पर भारतीय रिजर्व बैंक 20 सितंबर को मध्य तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। गुरुवार को जारी आंकड़े के मुताबिक औद्योगिक विकास दर जुलाई महीने में 2.6 फीसदी दर्ज की गई है, जो इससे पिछले चार महीने में सर्वाधिक है। इसके साथ ही उपभोक्ता महंगाई दर भी अगस्त महीने में तीन महीने के निचले स्तर पर 9.52 फीसदी रही। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन को तब तक मुख्य ब्याज दर को ऊंचे स्तर पर बनाए रखने की सुविधा मिल गई है, जब तक कि रुपये में स्थिरता नहीं आ जाती है। उल्लेखनीय है कि रुपये में मौजूदा कारोबारी साल में डॉलर के मुकाबले 15 फीसदी से अधिक गिरावट दर्ज की गई है।

दूसरी तिमाही में देश की कंपनियों द्वारा भुगतान किए गए अग्रिम कर के आंकड़े रविवार 15 सितंबर 2013 को जारी होंगे। इन आंकड़ों से दूसरी तिमाही में कंपनियों को हुए लाभ के बारे में महत्वपूर्ण संकेत मिलेंगे। अग्रिम कर का भुगतान चार किश्तों में स्वीकार किया जाता है-15 जून तक 15 फीसदी, 15 सितंबर तक 40 फीसदी, 15 दिसंबर तक 75 फीसदी और 15 मार्च तक 100 फीसदी।

अगस्त महीने के लिए थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े सोमवार 16 अगस्त 2013 को जारी किए जाएंगे। जुलाई महीने के लिए यह दर 5.79 फीसदी और जून के लिए 4.86 फीसदी दर्ज की गई है।

निवेशकों का ध्यान रुपये की चाल पर भी रहेगा। रघुराम राजन के रिजर्व बैंक के नए गवर्नर का पद संभालने के बाद से रुपये में मजबूती दर्ज की जा रही है। 28 अगस्त को रुपया डॉलर के मुकाबले 68.85 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ चुका था।

निवेशक सीरिया मसले पर अमेरिका और अन्य प्रमुख देशों से मिलने वाले संकेतों पर भी ध्यान लगाए रखेंगे। सीरिया में असद सरकार द्वारा विरोधी नागरिकों रासायनिक हमले किए जाने के आरोप पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया पर सीमित सैन्य हमला करने की वकालत की थी, हालांकि अन्य देशों से उन्हें उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

इस साल बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा आगामी त्यौहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खासतौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां दूसरी और तीसरी तिमाही में अच्छा कारोबार कर सकती हैं।

लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।

माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिली-जुली हो सकती है। सुधार की प्रक्रिया अवरुद्ध हो सकती है। इसका असर वित्तीय घाटा प्रबंधन पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है। और वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।

बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट चल रही है, इसे देखते हुए निवेशक बॉटम अप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाय खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।

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