सरकार बैंकिंग सेवाओं को दूरदराज इलाकों तक पहुंचाने के अपने प्रयासों को तेज करते हुये अब देशभर में फैली 5.5 लाख राशन की दुकानों को इस्तेमाल में लाने पर विचार कर रही है.
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुये कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दुकानों के दसवें हिस्से के साथ ऐसी एक परियोजना की शुरुआत की जा रही है.
अधिकारी ने कहा, ''हम राशन दुकानों को बैंकिंग बिंदु के तौर पर इस्तेमाल में लाने पर विचार कर रहे हैं. उचित दर की इन राशन दुकानों में पांइट ऑफ सेल टर्मिनल पर आप अपने बैंक खाते को देख सकेंगे और उसका इस्तेमाल कर सकेंगे. इस दिशा में हम काम कर रहे हैं.'' अधिकारी ने कहा, योजना के तहत की राशन की यह दुकान बैंकों के लिये व्यावसायिक मित्र की तरह काम करेगी. इसके तहत फिलहाल 55,000 राशन की दुकानों के साथ एक परियोजना शुरू करने का विचार है.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की इन दुकानों के जरिये राज्य सरकारें सस्ती दर पर खाद्यान्न जैसे कि अनाज, चीनी और मिट्टी के तेल की बिक्री करती हैं. सरकार की खाद्य सुरक्षा नीति के तहत इन दुकानों पर सस्ती दर पर खाने-पीने की जरूरी चीजें उपलब्ध होती हैं.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में डेढ़ लाख राशन की दुकानें ऐसी हैं जिनमें हाथ से चलने वाली मशीनें हैं जो कि लाभार्थी की पहचान स्थापित करने के साथ साथ उन वस्तुओं की सूची भी दिखातीं हैं जिनके लिये लाभार्थी पात्र है.
इस विचार के बारे में अधिकारी ने कहा कि पीडीएस राशन की दुकानों का नेटवर्क डाकघरों के नेटवर्क से बड़ा है क्योंकि प्रत्येक 1,000 की जनसंख्या में एक राशन की दुकान है.
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