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'कमजोर मांग से डिगा व्यापारिक विश्वास'

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, कमजोर मांग और मंद आर्थिक विकास के कारण देश में व्यापारिक विश्वास डिग गया है।
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NDTV Profit हिंदी12:39 PM IST, 03 Sep 2012NDTV Profit हिंदी
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फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, कमजोर मांग और मंद आर्थिक विकास के कारण देश में व्यापारिक विश्वास डिग गया है।

अप्रैल-जून 2012 के लिए किए गए फिक्की के तिमाही व्यापारिक विश्वास सर्वेक्षण में कहा गया है कि सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली लगभग 73 प्रतिशत कम्पनियों ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही के दौरान कमजोर मांग इसका एक कारण रहा है।

इसके पहले के सर्वेक्षण में लगभग 57 प्रतिशत कम्पनियों ने इस तरह की बात कही थी और एक वर्ष पहले 56 प्रतिशत कम्पनियों ने। मौजूदा सर्वेक्षण में काफी संख्या में कम्पनियों ने संकेत दिया है कि ऋण लागत भी एक बाध्यकारी कारण होगा।

2008-09 में पैदा हुए वैश्विक आर्थिक संकट के बाद पहली बार रोजगार अवसरों की सम्भावनाओं का रुझान नकारात्मक हुआ है। आर्थिक मंदी अब रोजगार सम्भावनाओं पर असर डाल रही है।

फिक्की ने सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा है, "प्रतिभागी मौजूदा प्रदर्शन को लेकर उत्साहित नहीं लगते और तीनों स्तरों (आर्थिक, औद्योगिक व कम्पनी स्तर) पर भविष्य के प्रदर्शन को लेकर आशावान नहीं हैं।"

मौजूदा सर्वेक्षण में कम्पनियों से यूरोजोन में अनिश्चित हालात और घरेलू अर्थव्यवस्था में मंदी के मद्देनजर 2012-13 के लिए सम्भावित जीडीपी विकास दर का संकेत मांगा गया। लगभग आधे प्रतिभागियों ने माना कि 2012-13 में जीडीपी विकास दर 5.5 प्रतिशत से कम हो सकती है।

अधिकांश प्रतिभागियों ने यह भी संकेत दिया कि कमजोर बारिश का उनके उद्योग और इस सेक्टर पर स्पष्ट असर पड़ा है। लगभग 85 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि सूखे के मौजूदा हालात का उनके उद्योग पर असर होगा। यह सर्वेक्षण जुलाई और अगस्त में किया गया।

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