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एफआईआई के पूंजीगत लाभ पर मैट नहीं, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को लाभ

सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए उनके पूंजीगत लाभ पर पिछली तिथि से मैट नहीं लगाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार ने न्यायमूर्ति ए पी शाह समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।
NDTV Profit हिंदीReported by Bhasha
NDTV Profit हिंदी10:57 PM IST, 01 Sep 2015NDTV Profit हिंदी
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सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए उनके पूंजीगत लाभ पर पिछली तिथि से मैट नहीं लगाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार ने न्यायमूर्ति ए पी शाह समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है जिसमें कहा गया है कि एफआईआई पर पूर्व की तिथि से इस प्रकार का कर लगाने का कोई आधार नहीं है।

इस साल के बजट में एफआईआई को पूंजीगत लाभ पर पहली अप्रैल 2015 से मैट पर छूट पहले ही दी जा चुकी है लेकिन उससे पहले की अवधि के लिए मैट देनदारी की तलवार उन पर लटकी हुई थी। जेटली ने कहा कि सरकार ने एफआईआई पर मैट लगाने के संदर्भ में मामले को स्पष्ट करने के लिए आयकर कानून में संशोधन का निर्णय किया है और इस बीच सीबीडीटी के फील्ड में काम करने वाले अधिकारियों से कहा जाएगा कि वह एफआईआई के खिलाफ मामला आगे नहीं बढ़ाएं। यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब वैश्विक वित्तीय उठा-पटक की वजह से शेयर बाजारों में काफी उतार-चढ़ाव आ रहा है।

एफइआईआई उभरते बाजारों से अपना पैसा निकाल रहे हैं, जिसकी वजह से बिकवाली का दबाव बना हुआ है। जेटली ने कहा कि कर नोटिस को लेकर कुछ एफआईआई ने जो कानूनी रास्ता अपनाया है, वह समय खपाने वाला है और इसीलिए सरकार ने इस मामले के समाधान के लिए वैकल्पिक रास्ता अपनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘हमारी यह सोची-विचारी राय है कि न्यायमूर्ति शाह समिति ने जो वैकल्पिक उपाय सुझाया है, उसके तहत आयकर कानून में जरूरी संशोधन की आवश्यकता होगी। उसे आगे बढ़ाया जाएगा और हम उस संशोधन को लाएंगे।’

जेटली ने कहा, ‘इस बीच संशोधन के लंबित होने तक फील्ड में काम करने वाले सभी अधिकारियों से परिपत्र जारी कर कहा गया है कि वे तब तक इन मामलों में अपना हाथ रोकें और कोई आदेश पारित नहीं करें। उम्मीद है कि संसद के शीतकालीन सत्र या जब भी संसद का अगल सत्र होता है, हम यह संशोधन लाने में कामयाब होंगे।’ आथारिटी आफ एडवांस रूलिंग के आदेश के बाद कर विभाग की तरफ से जारी नोटिस को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था। विभाग ने 68 एफआईआई को नोटिस जारी कर मैट बकाये के रूप में 602.83 करोड़ रुपये की मांग की थी।

यह पूछे जाने पर कि जिन एफआईआई को नोटिस दिए गए, उसका क्या होगा, जेटली ने कहा कि आयकर कानून अपना काम करेगा और फील्ड में काम करने वाले अधिकारियों को कल परिपत्र जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एफआईआई पर मैट लगाए जाने को लेकर जो एक अस्पष्टता है, उसका समाधान किए जाने की जरूरत है और इससे निवेशकों के विश्वास को बल मिल सकता है। आयकर कानून में संशोधन का निर्णय शाह समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट 25 अगस्त को दी।

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