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हम निजी निवेश की गति में सुधार के प्रयास कर रहे हैं : अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उपलब्ध हर अवसर का लाभ उठाने का विश्वास दिलाते हुए गुरुवार को कहा कि देश को कुछ अतिरिक्त वृद्धि के इंजनों की जरूरत है और अब हमारा ध्यान निजी निवेश की गति में सुधार लाने पर है।
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NDTV Profit हिंदी06:17 PM IST, 21 Jan 2016NDTV Profit हिंदी
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उपलब्ध हर अवसर का लाभ उठाने का विश्वास दिलाते हुए गुरुवार को कहा कि देश को कुछ अतिरिक्त वृद्धि के इंजनों की जरूरत है और अब हमारा ध्यान निजी निवेश की गति में सुधार लाने पर है।

विदेशी निवेशकों को बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए जेटली ने विश्वास जताया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे सुधार जल्द पारित हो जाएंगे क्योंकि राज्यसभा में संख्याबल जल्द ही अनुकूल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘शोरशराबे के लोकतंत्र’ के बावजूद भारत में वास्तव में कोई भी सुधार प्रस्ताव इस तरीके से नहीं अटका है।

जेटली उद्योग मंडल सीआईआई तथा सलाहकार कंपनी बीसीजी द्वारा विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक के दौरान नाश्ते पर आयोजित सत्र ‘भारत-दुनिया की वृद्धि का अगला इंजन’ पर आयोजित सत्र के दौरान अलग से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘हमारा शोरशराबे वाला लोकतंत्र है। लेकिन मैंने पाया है कि अब अधिक से अधिक लोग ऐसे हैं जो वृद्धि का समर्थन करते हैं, दूसरों (विपरीत सोच वालों) की संख्या काफी कम है।’ वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ‘किसी भी अर्थव्यवस्था को वृद्धि के कई इंजनों की जरूरत होती है।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘पूर्व में हमारे पास ऐसे इंजनों की संख्या काफी कम थी। हमें कुछ और की जरूरत है। सार्वजनिक निवेश पर हमारा जोर है। हम बुनियादी ढांचे पर ध्यान दे रहे हैं और इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जबकि हम सब्सिडी को तर्कसंगत बना सके हैं।’ वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि लोग अंतत: उन वस्तुओं और सेवाओं के लिए भुगतान करेंगे जो वे खरीदना चाहते हैं। कमजोर वर्ग की सहायता के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे लक्षित समूहों तक लाभ सही ढंग से पहुंचाया जा सके।

जेटली ने कहा कि कई सुधारवादी उपाय लंबित हैं। इनमें से कई इस बात का चिन्ह बन चुके हैं कि क्या भारत इस अड़चन को पार कर पाएगा। उन्होंने कहा कि हम दुनियाभर के लोगों से भारत के बुनियादी ढांचे के विकास की कहानी का हिस्सा बनने को कह रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा कहा है कि 7 से 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हमारी वास्तविक क्षमता नहीं है। हमारे में इसमें एक से डेढ़ प्रतिशत और जोड़ने की क्षमता है। अभी भी गुंजाइश है। हम इस स्तर तक पहुंच पाएंगे।’ जीएसटी पर जेटली ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि सभी राज्यों में सहमति है और एक को छोड़कर अन्य राजनीतिक दल इसके पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि क्षोभ की बात यह है जिस पार्टी ने जीएसटी का मसौदा बनाया है वही इस पर सहमत नहीं हो रही है। जेटली ने हालांकि कहा कि राज्यसभा में आंकड़ा जल्द अनुकूल होगा और मुझे उम्मीद है कि जीएसटी पारित हो जाएगा।

उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्यों के लिए सुधार प्रक्रिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। ‘हम सहकारी संघवाद की बात करते हैं, लेकिन मुझे यह देखकर खुशी है कि राज्य अब निवेश आकर्षित करने के लिए एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।’ जेटली ने कहा कि निश्चित रूप हमारी अपनी चुनौतियां हैं। 55 प्रतिशत लोग कृषि क्षेत्र पर निर्भर हैं और क्षेत्र में इतने लोगों के लिए ज्यादा अवसर नहीं है। हम आठ प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन मॉनसून पर्याप्त नहीं रहा है जिससे कृषि उत्पादन में गिरावट आएगी। साथ ही इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की उपभोग क्षमता भी प्रभावित होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि अर्थव्यवस्था को खोलना एक और ऐसा क्षेत्र है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। रेलवे एक ऐसा क्षेत्र है जिसे छुआ नहीं जाता था। इसका परिचालन पूरी तरह सरकार द्वारा किया जाता है। हमने रेलवे ढांचे में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी दी है। अब वे बॉन्‍ड के जरिये धन जुटाएंगे। इसके बाद हम रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण करेंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि इसी तरह रक्षा क्षेत्र को भी खोला गया है जो पूरी तरह बंद था। हमने उस क्षेत्र को खोला है जहां अब काफी गतिविधियां हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘हम इस बात को जानते हैं कि सरकार अकेले सब कुछ नहीं कर सकती। हम कमजोर तबके को औपचारिक बैंकिंग क्षेत्र में ला रहे हैं जिससे वे भी उद्यमी बन सकें।’ उन्होंने कहा कि एक और क्षेत्र कर मुद्दों पर भारत की छवि के बारे में हैं। इस मोर्चे पर चीजें बदलीं। भारत की ताकत के बारे में जेटली ने कहा कि भारत की बड़ी आबादी है जिसे दुनिया नजरअंदाज नहीं कर सकती। भारत के पक्ष में एक बात बड़ा मध्यमवर्ग, नया कुशल श्रमबल और एक नया उभरता आकांक्षी वर्ग है। सत्र को संबोधित करते हुए सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक चमकता सितारा है। यह काफी हद तक वैश्विक वृद्धि का अगला इंजन बन सकता है। जनरल इलेक्ट्रिक के वाइस चेयरमैन जॉन राइस ने कहा कि उनके समूह की भारत में बड़ी मौजूदगी है। वह देश हमारे लिए लंबे समय से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है। राइस ने जीई की उस परियोजना की भी बात की जो 20 साल के लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई है।

उनकी इस बात पर जेटली ने कहा कि जीई का इंजन कारखाना काफी महत्वपूर्ण है। इस पर फैसले का वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने सबसे पिछड़े राज्यों में इसके निर्माण का प्रस्ताव किया है। राइस ने यह भी कहा कि भारत में निर्णय प्रक्रिया की रफ्तार सुधरी है।

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