चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अनुमानित 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने के बीच विनिर्माण एवं कृषि क्षेत्रों के अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन से देश की वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर इस बार 7.6 प्रतिशत रह सकती है। यह पांच साल की सबसे तेज वृद्धि होगी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के सोमवार को जारी अनुमानों के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि वित्त वर्ष 2015-16 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 7.3 प्रतिशत रही। सीएसओ ने अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाहियों जीडीपी वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर क्रमश: 7.6 प्रतिशत तथा 7.7 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले जारी आंकड़ों में इनके क्रमश: 7.0 प्रतिशत तथा 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।
इस तरह 2015-16 में अनुमानित 7.6 प्रतिशत की वृद्धि पिछले पांच साल की सबसे तीव्र वृद्धि होगी। इससे पहले इससे तेज वृद्धि 2010-11 में थी, जबकि जीडीपी 8.9 प्रतिशत बढ़ा था। वास्तविक सकल मूल्य वर्धन चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2014-15 में 7.1 प्रतिशत था। यह आर्थिक वृद्धि आकलन के लिए सीएसओ की नई अवधारणा है। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 2015-16 में 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो एक वर्ष पूर्व 5.5 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 1.1 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि एक वर्ष पूर्व इसमें 0.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
चालू वित्त वर्ष के दौरान खनन एवं उत्खनन क्षेत्र, बिजली एवं बिजली आपूर्ति तथा अन्य सेवाओं की वृद्धि दर में गिरावट आने का अनुमान है। जीडीपी आंकड़ों के बारे में प्रक्रिया जताते हुए आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, आंकड़ों की दिशा बहुत सकारात्मक है। पिछले डेढ़ साल में सरकार ने नीति एवं सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं, उसका परिणाम दिखना शुरू हो गया है।